प्रश्न: दोहा छंद की परिभाषा लिखिए तथा उसका एक उदाहरण भी दीजिए
—–उत्तर—–
परिभाषा: दोहा अर्द्धसम मात्रिक छन्द है। इसमे चार चरण होते है। इसके पहले और तीसरे चरणों में 13, 13 मात्राएँ और दूसरे तथा चौथे चरणों में 11, 11 मात्राएँ होती है।
उदाहरण: —
श्री गुरु चरन सरोज रज, (13 मात्राएँ)
निज मन मुकर सुधारि। (11 मात्राएँ)
बरनऊ रघुवर विमल जस,(13 मात्राएँ)
जो दायक फल चारि।। (11 मात्राएँ)
यह भी पढ़ें,