मेजर ध्यानचंद की आत्मकथा का क्या नाम है?

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प्रश्न – मेजर ध्यानचंद की आत्मकथा का क्या नाम है ?

उत्तर – मेजर ध्यानचंद की आत्मकथा का नाम “गोल” है |

Q. What is the name of autobiography of major dhyan chand?
Ans –
Hockey magician Dhyan Chand’s autobiography titled “Goal” was published in 1952.

मेजर ध्यानचन्द जी के आत्मकथा का नाम “गोल” है और यह 1952 में प्रकाशित हुई थी। अपने जीवनकाल में अभूतपूर्व उपलब्धियां प्राप्त करने के बाद भी इस महान व्यक्त्वि अपनी आत्मकथा गोल में लिखा है।

आपको मालूम होना चाहिए कि मैं बहुत साधारण आदमी हूँ।

मेजर ध्यानचन्द के बारे में:

‘हॉकी के जादूगर‘ मेजर ध्यानचन्द का जन्म बिटिश इंडिया में 29 अगस्त 1905 ई० में उत्तर प्रदेश में ‘इलाहाबाद (प्रयागराज)’ में हुआ था | भारत के महान हॉकी प्लयेर ध्यानचंद जी के पिता का नाम समेश्वर सिंह कुशवाहा था | इनके पिता समेश्वर सिंह कुशवाहा ब्रिटिश इंडिया आर्मी में एक सूबेदार के रूप में कार्यरत थे साथ ही हॉकी गेम भी खेला करते थे | तथा माता का नाम शारदा सिंह कुशवाहा था जोकि एक गृहिणी थी | वर्ष 1936 ई. में मेजर ध्यानचन्द का विवाह जानकी देवी के साथ हुआ था। मेजर ध्यानचन्द को द विजार्ड (The wizard of Hokey) हॉकी का जादूगर की उपाधि जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने दिया था। अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में उन्होंने 400 से अधिक गोल किये। अप्रैल 1949 ई. को प्रथम कोटि की हॉकी से मेजर ध्यानचन्द जी ने संन्यास ले लिया।

संबंधित प्रश्न (FAQs)

Q. मेजर ध्यानचंद की आत्मकथा का क्या नाम है?

Ans: मेजर ध्यानचंद की आत्मकथा का नाम “गोल” है।

Q. मेजर ध्यान चंद के पिता का नाम क्या था?

Ans: मेजर ध्यान चंद के पिता का नाम समेश्वर सिंह था।

Q. किसकी आत्मकथा का शीर्षक गोल है?

Ans: मेजर ध्यानचंद

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