Dr. APJ Abdul Kalam Biography In Hindi | एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr. A P J Abdul Kalam) एक ऐसा नाम है जिसे दुनिया में भला कौन नहीं जानता । डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक ऐसे व्यक्ति का नाम है जिस पर सारे देश को गर्व है। मिसाइलमैन एवं जनता के राष्ट्रपति के रूप में प्रसिद्ध डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी का पूरा नाम ‘अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ है। तो चलिए डा.एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय (Dr. APJ Abdul Kalam Biography In Hindi) विस्तार से पढ़ते हैं हिंदी में

विषय-सूची

Dr. APJ Abdul Kalam Biography In Hindi – एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में

नामएपीजे अब्दुल कलाम
पूरा नामअबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम
जन्म-स्थान15 अक्टूबर 1931 (रामेश्वरम)
पिता का नामजैनुल आब्दीन
माता का नामअशिअम्मा
राष्ट्रपतिभारत के 11वें राष्ट्रपति (कार्यकाल: 25 जुलाई 2002 – 25 जुलाई 2007)
मृत्यु-स्थान27 जुलाई 2015 शिलांग, मेघालय
पदम् भूषण1981
पुरस्कारपद्म भूषण (1981), पद्म विभूषण (1990), विशिष्ट शोधार्थी इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (1994), भारत रत्न (1997), इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1997), रामानुजन पुरस्कार (1998), वान ब्राउन अवार्ड (2013)
APJ Abdul Kalam
Dr. APJ Abdul Kalam Biography In Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Biography In Hindi (नोट्स) | एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय

राष्ट्रगौरव डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम – समय- समय पर देश में ऐसे व्यक्ति जन्म लेते रहे हैं जिन्होंने अपनी विशिष्ट क्षमताओं से देश तथा समाज को एक नई दिशा दी है। ऐसे ही व्यक्ति थे डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ।

उनके व्यक्तित्व में महान् वैज्ञानिक, अभियन्ता एवं आधुनिक विचारक तीनों का समन्वय था ।‘मिसाइलमैन’ एवं ‘जनता के राष्ट्रपति’ के रूप में सम्पूर्ण विश्व में विख्यात डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी उच्चकोटि के वैज्ञानिक एवं लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। देश की बाहरी आक्रमण से रक्षा के लिए ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ नामक मारक मिसाइलें, महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की ही देन हैं | कलाम ने ‘पृथ्वी’ और ‘अग्नि’ जैसी मिसाइलों की डिज़ाइन बनाकर देश को मिसाइल शक्ति से सुसज्जित किया ।

एपीजे अब्दुल कलाम जी का प्रारम्भिक जीवन (APJ Abdul Kalam Biography In Hindi )

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम देश के उन गिने-चुने महापुरुषों में से हैं, जिन्होंने अपने बल, बुद्धि तथा परिश्रम से बहुत साधारण स्थिति में अपने को बहुत बड़ा बना लिया । ‘मिसाइलमैन’ के नाम से प्रसिद्ध डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी एक दार्शनिक एवं समाज सेवी थे। कलाम जी अपने पाँच भाई – बहनों में सबसे छोटे थे। तथा कलाम जी के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी । इसलिए उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करना पड़ता था ।

कलाम जी अपनी स्कूली शिक्षा की जरूरत पूरी करने के लिए हर दिन अखबार बेच कर पैसा कमाते थे। बालक कलाम ने अपने माता-पिता से अनुशासन, ईमानदारी, उदारता एवं ईश्वर में असीम श्रद्धाभाव रखना सीखा था । कलाम जी अविवाहित थे। APJ Abdul Kalam जी ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बल पर अपने पारिवारिक जीवन की समस्याओं का सामना करते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया। इसलिए आज भारत में हीं नहीं वरन् सम्पूर्ण विश्व में भी डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी ‘मिसाइलमैन’ के रूप में विख्यात हैं ।

जन्म-स्थान

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर, सन् 1931 ई॰ को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम् कस्बे के समीप धनुषकोटि (धनुषकोड़ी) नाम गाँव में हुआ था।

एपीजे अब्दुल कलाम के पिता (APJ Abdul Kalam father)

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी के पिता जैनुल आब्दीन (जैनुलाब्दीन) एक नौका मालिक एवं मछुआरे थे । इनके पिता जैनुल आब्दीन एक मध्यम वर्गीय परिवार से सम्बन्धित थे ।

एपीजे अब्दुल कलाम की माता (APJ Abdul Kalam mother)

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की माँ का नाम अशिअम्मा (अशियम्मा) था । इनकी माता बहुत शान्ति एवम् उदार स्वभाव की महिला थी। वह ईश्वर में अटूट विश्वास करती थीं।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या है?

मिसाइलमैन एवं जनता के राष्ट्रपति के रूप में प्रसिद्ध डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी का पूरा नाम ‘अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ है ।

एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा

कलाम ने अपनी आरम्भिक शिक्षा रामेश्वरम् के प्राथमिक विद्यालय में ही पूरी की तथा तमिलनाडु से ही BSc. की परीक्षा उत्तीर्ण की । तथा स्नातक की पढ़ाई ‘सेण्ट जोसेफ कॉलेज’ तिरुचिरापल्ली से पूरी की। वर्ष 1950 ई॰ में विज्ञान में स्नातक करने के बाद वर्ष 1957 ई॰ में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया । सन् 1960 ई॰ में प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास से इन्होनें अंतरिक्ष इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी की । मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी चेन्नई से इंजीनियरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन्होंने वैमानिकी इंजीनियरिंग में विशेष दक्षता हासिल की ।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्य

डॉ॰ ए॰पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम जी ने अपने जीवन काल में अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य किये। इनके यागदान को भूल पाना भारत के लिए असम्भव है । स्नातक होने के पश्चात् इन्होंने हॉवरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिए भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में प्रवेश किया। वर्ष 1962 में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान एवं विकास संगठन में आने के पश्चात् इन्होंने कई परियोजनाओं में निदेशक की भूमिका निभाई । वर्ष 1962 ई॰ में अब्दुल कलाम रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव बने। 

वर्ष 1974 ई॰ में पोखरण में प्रथम परमाणु परीक्षण के कार्यक्रम में कलाम जी एक दर्शक की तरह मौजूद थे, तथा वहीं पर 2 मई, 1998 ई॰ में द्वितीय परमाणु परीक्षण का ऐतिहासिक कार्यक्रम उनकी देखरेख में सम्पन्न हुआ । वहीं से ‘जय जवान, जय किसान ’ के साथ-साथ ‘जय विज्ञान’ का भी नारा बुलन्द हुआ । इस कार्यक्रम की सफलता ने डॉ॰ ए॰पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम जी को देश का सबसे बड़ा परमाणु वैज्ञानिक बना दिया । इसके बाद देश-विदेश के कई विश्वविद्यालयों ने इन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से विभूषित किया । तथा इसरो (ISRO= INDIAN SPACE RESEARCH ORGANIZATION) के निदेशक पद से विभूषित किया ।

तथा इसके पश्चात् कलाम जी ने 25 मई, 2002 ई॰ को भारत के ‘ग्यारहवें राष्ट्रपति’ के रूप में इस सर्वोच्च पद की शपथ ली। राष्ट्रपति के रूप में वर्ष 2002 से 2007 तक का इनका कार्यकाल देश के लिए बड़ा गौरवशाली रहा । बाद में इन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों में ‘विजिटिंग प्रोफेसर’ के रूप में अध्यापन का कार्य किया ।

देश की रक्षा व गौरव के लिए डॉ॰ ए॰पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम जी द्वारा प्रदान किये महत्वपूर्ण भारतीय प्रक्षेपास्त्र या मिसाइलें- देश की रक्षा व गौरव के लिए मिसाइल मैन कहे जाने वाले अब्दुल कलाम ने अपने शोध से देश को कई शक्तिशाली मिसाइलें दी । डॉ॰ ए॰पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम जी देश को वर्ष 2020 तक परमशक्तिशाली एवं आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे । प्रारम्भ में इन्होंने छोटे हेलीकॉप्टर डिज़ाइन करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया । वर्ष 1958 ई॰ में अपनी वैज्ञानिक कैरियर के आरम्भ में ही कलाम ने भारतीय फौज़ के लिए एक छोटा हेलीकॉप्टर डिज़ाइन किया।

इन्होंने पहला उपग्रह प्रक्षेपण यान और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV and PSLV) को बनाने में अपना विशेष योगदान दिया और यह प्रक्षेपण बाद में सफल हुआ तथा अब्दुल कलाम के नेतृत्व में 1980 ई॰ में रोहिणी नामक उपग्रह को सफलतापूर्वक पृथ्वी के निकट स्थापित कर दिया गया। कलाम ने पृथ्वी और अग्नि जैसी मिसाइलों की डिजाइन बनाकर देश को मिसाइल शक्ति से सुसज्जित किया ।

एपीजे अब्दुल कलाम आविष्कार – APJ Abdul Kalam Inventions in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम का मिसाइल या प्रक्षेपास्त्र

  • मिसाइल किसी उपकरण के माध्यम से फेंककर मारा जाने वाला अस्त्र है ।
  • डॉ॰ अब्दुल कलाम जी ने देश को अनेक मिसाइलों से सुसज्जित किया जिनमें पृथ्वी, अग्नि, रोहिणी, आकाश, शक्ति तथा पहला उपग्रह प्रक्षेपण यान (एस एल वी-3) आदि प्रमुख है-

पृथ्वी मिसाइल

  • यह जमीन से जमीन पर मार करने वाला कम दूरी का बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है ।
  • यह 150 से 250 किलो मीटर तक स्थित दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर सकती है।
  • पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र का प्रथम परीक्षण फरवरी, 1998 को । चाँदीपुर अंतरिम परीक्षण केन्द्र से किया गया।
  • पृथ्वी की न्यूनतम मारक क्षमता 40 किमी. तथा अधिकतम मारक क्षमता 250 किमी. है।
  • पृथ्वी मिसाइल का वजन 14 टन है।

अग्नि मिसाइल

  • अग्नि श्रेणी में पाँच प्रक्षेपास्त्र हैं- अग्नि-I अग्नि-II अग्नि-III अग्नि-IV तथा अग्नि-V
  • अग्नि जमीन से जमीन पर मार करने वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है।
  • अग्नि-3 की मारक क्षमता 3000 किमी से अधिक है एवं इसे 5000 किमी. तक बढ़ाया जा सकता है।
  • अग्नि-3 को पाकिस्तान की हल्फ-3 तथा इजराइल की जेरिको-2 की श्रेणी में रखा जा सकता है।
  • अग्नि-3 परम्परागत तथा परमाणु दोनों प्रकार के विस्फोटकों को ले जाने की क्षमता रखती है।
  • भारत ने 15 अगस्त, 2011 को इंटरमीडिएट वैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का ओडिसा के ह्रीलर द्वीप से सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
  • भारत द्वारा 19 अप्रैल, 2012 को अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया गया। इस परीक्षण के साथ भारत भी अंतरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र (आईसीबीएस) क्लब में शामिल हो गया।

आकाश

  • यह जमीन से हवा में मार करने वाला मध्यम दूरी का बहुलक्षेत्रीय प्रक्षेपास्त्र है।
  • इसकी मारक क्षमता लगभग 23 किमी है।
  • आकाश पहली ऐसी भारतीय प्रक्षेपास्त्र है, जिसके प्रणोदक में राजामेट सिद्धांतों का प्रयोग किया गया है।
  • इसकी तकनीकी को दृष्टिगत करने हुए इसकी तुलना अमरीकी पैट्रियाट मिसाइल से की जा सकती है।
  • यह परम्परागत एवं परमाणु आयुध को ढोने की क्षमता रखता है तथा इसे मोबाइल लांचर से भी छोड़ा जा सकता है।

एस. एल. वी.-3 (SATELLITE LAUNCH VEHICLE-3)

  • सधारण क्षमता वाले एस.एल.वी.-3 के विकास से भारत ने प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कदम रखा तथा 18 जुलाई, 1980 एस. एल. वी.-3 का सफल प्रायोगिक परीक्षण करके अपनी योग्यता को सिद्ध करते हुए स्वयं को अंतरिक्ष क्लब का छठा सदस्य बनाया।
  • यह रोहिणी नामक कृत्रिम उपग्रह को अंतरिक्ष में छोड़ने वाला यन्त्र है।

शक्ति-98

पहले परीक्षण के 24 वर्षों के बाद पोखरण में दूसरी बार 11 मई, व 13 मई, 1998 को परमाणु परीक्षण किया गया, जिसे शक्ति-98 नाम दिया गया। इन मिसाइलों का उपयोग दसरे देशों के आक्रमण के समय अपने देश की रक्षा के लिए किया जाता है। वर्ष 1998 का पोखरण(राजस्थान) परमाणु विस्फोट देश की परमाणु क्षमता विकसित करने का श्रेय अब्दुल कलाम को ही है।

अब्दुल कलाम के इल विशिष्ट योगदान के कारण भारत रक्षा-विज्ञान के क्षेत्र में आत्म-निर्भर हो गया है। इस प्रकार अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन तथा इजराइल के बाद भारत ऐसा छठवाँ देश है जिसके पास हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल तकनीक उपलब्ध है। जीवन के अन्तिम समय तक अब्दुल कलाम जी देश के गौरव को बढ़ाने में निरन्तर प्रयासरत् थे।

एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है?

एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से भारत के पहले उपग्रह प्रक्षेपण यान एस. एल. वी. -3 का निर्माण किया। इन्होंने एस. एल. वी. 3 के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया, इसी कारण इन्हें मिसाइलमैन कहा गया।

पुरस्कार एवं सम्मान

APJ Abdul Kalam जी को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। जो निम्नवत् हैं—

  • पद्म भूषण (1981)
  • पद्म विभूषण (1990)
  • विशिष्ट शोधार्थी इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (1994)
  • भारत रत्न (1997)
  • इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1997)
  • वीर सावरकर पुरस्कार (1997)
  • रामानुजन पुरस्कार (1998)
  • वान ब्राउन अवार्ड (2013)

वर्ष 1997 में अब्दुल कलाम को विज्ञान और भारतीय रक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए भारत के सबसे बड़े सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु

अपने जीवन के अन्तिम क्षणों में भी ये शिलांग में प्रबंधन संस्थान में पढ़ा रहे थे। वही पढ़ाते हुए 27 जुलाई,2015 को मेघालय के शिलांग में एक कार्यक्रम के दौरान व्याख्यान् देते समय अचानक इनकी तबियत खराब हो गई और 84 वर्ष की आयु में इन्होंने दुनिया को अलविदा कर दिया।

एपीजे अब्दुल कलाम की साहित्यिक सेवाएँ

कलाम जी ने अपनी रचनाओं के द्वारा विद्यार्थियों व युवाओं को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। तथा इन्होंने अपने विचारों को विभिन्न पुस्तकों में समाहित किया है।1982 में कलाम भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के निदेशक बनाए गये। वर्ष 1992 में अब्दुल कलाम रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव के पद पर आसीन हुए।

एपीजे अब्दुल कलाम की रचनाएँ

डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की रचनाएँ हिन्दी काव्य जगत में एक अमूल्य निधि के रूप में स्वीकार की जाती हैं। इनके प्रमुख पुस्तकों का विवरण इस प्रकार है—

  1. India 2020: A Vision For the New Millennium (1998)
  2. Wings of Fire: An Autobiography (1999)
  3. अग्नि की उड़ानः एक आत्मकथा (हिन्दी संकरण)
  4. Ignited Minds: Unleashing the Power Within India (2002)
  5. आरोहणः स्वामी जी के साथ मेरा आध्यात्मिक सफ़र
  6. मेरी यात्रा, भारत की आवाज़, टर्निंग प्लाइण्टेज, हम होंगे कामयाब़ इत्यादि।

भाषा – शैली

कलाम जी ने मुख्य रूप से अंग्रेजी भाषा में लेखन कार्य किया है जिसका अनुदित रूप पाठ्यक्रम में संकलित किया गया है। उनकी शैली लाक्षणिक प्रयोग से युक्त है।

एपीजे अब्दुल कलाम जी का योगदान

कलाम जी के उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि कलाम जी विलक्षण प्रतिभा वाले व्यक्ति थे। ये भारत के उच्चकोटि के वैज्ञानिक, लोकप्रिय राष्ट्रपति, दार्शनिक एवं समाज सेवी थे। ये मानवता के पुजारी एवं भारतीय युवाओं के हृदय सम्राट थे। डा॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम एक बहआयामी व्यक्तित्व के धनी थे।

विज्ञान प्रौद्योगिकी देश के विकास और युवा मस्तिष्क को प्रज्ज्वलित करने में अपनी तल्लीनता के साथ-साथ वे पर्यावरण की चिन्ता भी बहुत करते थे। डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने भारत के विकास स्तर को वर्ष 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट सोच प्रदान की। वे भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे । कलाम जी का सम्पूर्ण जीवन पूरे विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत है। आज कलाम जी भले ही जीवित न हो किन्तु अपने कार्यों द्वारा सम्पूर्ण विश्व में अमिट छाप छोड़ गये हैं।

“भले ही वे आज इस संसार में नहीं हैं, किन्तु उन्होंने भारत को जो सफलता और ऊँचाई दी है उसको पूरा देश ही नही विश्व सदा याद रखेगा।”

संबंधित प्रश्न (FAQs) : APJ Abdul Kalam Biography In Hindi

प्रश्न. अब्दुल कलाम को कौन से पुरस्कार मिले थे?

उत्तर: एपीजे अब्दुल कलाम को पदम् भूषण (1981), पदम् विभूषण (1990), भारत रत्न (1997) और वान ब्राउन अवार्ड (2013) में मिला था।

प्रश्न. क्या एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न मिला था?

उत्तर: एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न 1997 में मिला था।

प्रश्न. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कौन है?

उत्तर: ‘मिसाइलमैन’ एवं ‘जनता के राष्ट्रपति’ के रूप में सम्पूर्ण विश्व में विख्यात डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी उच्चकोटि के वैज्ञानिक एवं लोकप्रिय राष्ट्रपति थे।

प्रश्न. भारत का पहला मिसाइल मैन कौन है?

उत्तर: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

प्रश्न. भारत के 11वें राष्ट्रपति कौन थे?

उत्तर: भारत के 11वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम थे।

प्रश्न. एपीजे अब्दुल कलाम जयंती कब है?

उत्तर: एपीजे अब्दुल कलाम जयंती हर वर्ष 15 अक्टूबर को होता है। और एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 (रामेश्वरम) में हुआ था।

प्रश्न. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ?

उत्तर: 15 अक्टूबर 1931

प्रश्न. एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई?

उत्तर: 27 जुलाई 2015

प्रश्न. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या है?

उत्तर:  एपीजे अब्दुल कलाम जी का पूरा नाम ‘अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ है।

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