Computer Basic Knowledge in Hindi | कंप्यूटर की बेसिक जानकारी

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आज के इस पोस्ट में हम आपको कंप्यूटर क्या हैComputer का Full Form क्या होता है, कंप्यूटर के जनक कौन हैं, कंप्यूटर की विशेषताएं के बारे में  बहुत ही सरल और हिन्दी में क्रमबद्ध तरीके से जानकारी देगे या यू कहूँ कि हम computer ka basic knowledge in Hindi या computer ke bare mein jankari | इस पोस्ट की मद्दत से आप कंप्यूटर नोट्स भी बना सकते है | तो चलिए विस्तार से पढ़ते हैं कंप्यूटर के बारे में वो भी हिंदी में-

Computer का यूज़ बहुत जगहों पर किया जाता है जैसे – शिक्षा , रेल और वायुयान आरक्षण , वैज्ञानिक शोध , चिकित्सा , बैंक , रक्षा , मनोंरजन , संचार , प्रशासनिक आदि। नीचे दी गई कंप्यूटर की बेसिक जानकारी को आप अपने कापी में कंप्यूटर नोट्स के रूप में लिख सकते है।

विषय-सूची

Computer Basic Knowledge in Hindi – कंप्यूटर की बेसिक जानकारी


कंप्‍यूटर क्‍या है – Computer Kya Hai

Computer एक इलेक्ट्रोनिक मशीन है जोकि मनुष्य द्वारा दिए गए निर्देशों व डेटा को Process करके उसका परिणाम हमें देता है कंप्यूटर डेटा को इनपुट के रूप में लेता है और उसको Process करके आवश्यक परिणामो को आउटपुट के रूप देता है।

Computer शब्द लैटिन भाषा के “Compute” शब्द से बना है। जिसका मतलब है “गणना” करना। कंप्यूटर को हिंदी में  “संगणक” कहा जाता है। Computer एक Electronic Device है। जो Data input के रूप में लेता है और उसे Process करता है और Results को output के रूप में हमें प्रदान करता है।

Computer Basic Knowledge in Hindi
Computer Basic Knowledge in Hindi

कम्प्यूटर की परिभाषा

कम्प्यूटर एक इलैक्ट्रानिक मशीन है जो कि मनुष्य द्वारा दिये गए निर्देशों व डेटा को विश्लेषित करके उसका परिणाम हमे देता है। कम्प्यूटर डेटा को इनपुट के रूप लेता है और उसको विश्लेषित (process) कर आवश्यक परिणामों को आउटपुट के रूप देता है।

कम्प्यूटर के कार्य है –

  • Data को इनपुट के रूप में स्वीकार (Accept) करना |
  • Data को दिए गए निर्देशों के अनुरूप विश्लेषित (process) कर सूचना में बदलना |
  • Data और सूचना को भविष्य में उपयोग के लिए स्टोर (Store) करना |
  • सूचना का विश्लेषित (process) कर आवश्यक परिणामों को आउटपुट के रूप में देना है।

कंप्यूटर का हिंदी अर्थ

कंप्यूटर का हिंदी अर्थ “संगणक” होता है।

कम्प्यूटर के जनक कौन है?

कम्प्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) है | Computer का आविष्कार Charles Babbage  ने किया था  इन्होने 1822 में पहला मैकेनिकल कंप्यूटर बनाया था जिसके आधार पर आज के सभी Computer काम कर रहे है | चार्ल्स  बैबेज को आधुनिक Computer का पिता (Father) कहा जाता है।

कंप्यूटर का फुल फॉर्म | Computer Ka Pura Naam

Computer का Full Form- Common Operating Machine Particularly Used For Technological Engineering Research है |

C – Common

O – Operating

M – Machine

P – Particularly

U – Used For

T – Technological

E – Engineering

R – Research

कंप्यूटर का फुल फॉर्म हिंदी में – Full form of computer in Hindi

  • सी – आम तौर पर
  • ओ – संचालित
  • एम – मशीन
  • पी- विशेष रूप से
  • यू- प्रयुक्त
  • टी – तकनीकी
  • ई – शैक्षणिक
  • आर – अनुसंधान

कंप्यूटर का कार्य

  1. Data Collection
  2. Data Storage
  3. Data Processing
  4. Data Output

डाटा – DATA

अव्यक्ति तथ्य जो अभी असंसाधित है, डाटा कहलाते है |

डाटा के दो भाग है-

  1. संख्यात्मक डाटा
  2. चिन्हात्मक

संख्यात्मक डाटा – Numerical Data

संख्यात्मक डाटा है जैसे – 0, 1, 2… , 9 तक के अंक आयु, वेतन, प्राप्तांक, अनुक्रमांक आदि |

चिन्हात्मक डाटा – Alphanumeric Data

इनमे अक्षरो, अंको और चिन्हों का प्रयोग किया जाता है जैसे- नाम,पता कोड इत्यादि|

सूचना -Information

जब कई डाटा को एक साथ इस प्रकार व्यवस्थित करक रखा जाए, जिससे एक उपयोगी परिणाम अथवा जानकारी प्राप्त हो सके तो इस व्यवस्थित डाटा समूह को ही सूचना कहा जाता है। डाटा को संसाधित करने में हमे सूचना प्राप्त होती है।


कंप्यूटर की विशेषताएं

गति – Speed

कम्प्यूटर की गणना क्षमता आम मनुष्य के गणना करने की क्षमता से कई गुना तेज़ होती है। कम्प्यूटर की गति को MIPS (Millions of Instructions Per (Second) में मापा जाता है। कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में लाखों गणनाएं कर सकता है। कम्प्यूटर प्रोसेसर के स्पीड को हर्ट्ज़ (Hz) में मापते है |

शुद्धता (Accuracy)

कम्प्यूटर की गणनाओं के परिणाम त्रुटिहीन होते हैं एवं परिणाम शुद्ध होते है। कम्प्यूटर GIGO के सिद्धांथ पर कार्य करता है अर्थात् अगर इनपुट शुद्ध है तो परिणाम भी शुद्ध ही होगा।

संचय एवं पुन: प्राप्ति (Storage and Retrieval)

कम्प्यूटर में विशाल भंडारण की व्यवस्था होती है जिसमें हम सूचना, डाटा एवं निर्देशों का संग्रहण कर सकते है। और आवश्यकता पड़ने पर निर्देश (Command) देकर इन सूचनाओं को पुनः प्राप्त (Access) किया जा सकता है।

विश्वसनीयता – (Reliability)

कम्प्यूटर हमेशा शुद्ध परिणाम देते है, जो विश्वसनीय होते है और परिणामों में सदैव एकरूपता रहती है। उचित रख-रखाव से कम्प्यूटर लम्बे समय तक अबाधित रूप से कार्य करते रहते है |

बहुउपयोगिता- (Verstality)

कम्प्यूटर से हम हर तरह के कार्य कर सकते हैं, जैसे-कि टाइपिंग, प्रिंटिंग, डिजाइनिंग, एकाउंटिंग, नक्शा बनाना, मनोरंजन इत्यादि ।

कर्मठता एवं कार्यकुशलता – (diligence and efficiency)

कम्प्यूटर बिना थेक, रूके लगातार लम्बे समय तक उसी गति एवं उसी शुद्धता के साथ विश्वनीयता तरीके से कार्य करते रहते हैं। कम्प्यूटर की कार्यकुशलता मनुष्यों की तुलना में कहीं अधिक होती है।


कंप्यूटर के प्रकार (type of computer)

1. Microcomputer 

सन् 1970 में Microcomputer का विकास हुआ था Microcomputer Size में छोटे होते है और Microcomputer  को डेस्क पर या ब्रीफकेस में भी रख सकते है | इन छोटे  Computer को Microcomputer  कहते है इन छोटे Computer का इस्तेमाल Personal कामो के लिए भी किया जाता है इस लिए इसे Personal Computer या व्यक्तिगत कंप्यूटर यानि PC भी कहा जाता है |

Microcomputer का इस्तेमाल बड़े Business में word processing और Filing System के लिए किया जाता है | और छोटे Business में Accounting के लिए किया जाता है | और साथ ही साथ इसका इस्तेमाल मनोरंजन के लिए भी किया जाता है | हमलोग जो भी  Computer इस्तेमाल करते है | चाहे वो Computer हो या Laptop हो वो Personal Computer होता है |

2. Minicomputer

Minicomputer  आकर में Microcomputer से बड़ा और Mainframe computer से छोटा होता है | Minicomputer में एक से ज्यादा C.P.U. होते है  Mini computer की Speed Mainframe computer से कम और Micro computer  से अधिक होती है | Minicomputer  पर एक ही समय पर एक से ज्यादा लोग काम कर सकते है |

Minicomputer का यूज़ बड़ी – बड़ी कंपनियों में जैसे – यातायात में यात्रियों के आरक्षणके लिए , सरकारी ऑफिस में , बैंको में Banking कार्यो के लिए किया जाता है | Digital Equipment corporation (DEC) ने 1965 में PDP-8 सबसे पहला Minicomputer बनाया था |

3. Workstation Computer

Workstation भी एक Computer है जोकि engineering application , desktop publishing, software development आदि के लिए यूज़ किया जाता है | Workstation computer एक Single User Computer होते है |

4. Mainframe Computer

मेनफ़्रेम कंप्यूटर की Processing Power minicomputer से ज्यादा होती है और ये Computer size में बड़े होते है | mainframe computer में ज्यादा मात्रा में Data को Fast speed से process करने की capability ज्यादा होती है |

इसलिए बड़ी – बड़ी company में Bank में , सरकारी विभागों में  mainframe computer का इस्तेमाल central computer के रूप में किया जाता है  इस Computer पर हजारो लोग एक साथ अलग – अलग काम कर सकते है | मेनफ़्रेम कंप्यूटर को एक micro computer या network  से जोड़ा जा सकता है |

5. Supercomputer

सुपरकंप्यूटर एक special computer है जोकि general purpose computer की तुलना में बहुत high level की calculation computing perform कर सकता है किसी भी समय में सभी available computer system की तुलना में सबसे तेज और powerful होता है उसे ही supercomputer कहा जाता है |

Starting  में सुपरकंप्यूटर  को scientist और engineering applications जिनमे बहोत ज्यादा database और high level computation की जरूरत होती थी वहा पर काम में लाया जाता था |


कम्प्यूटर की पीढ़ीयाँ

कम्प्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार पर निम्नलिखित पाँच पीढ़ियों में बाँटते हैं।

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ की सूची – Computer Generations List

प्रथम पीढ़ी (First Generation)1946-1956
द्वितीय पीढी (Second Generation) 1956-1964
तीसरी पीढी (Third Generation)1965-1971
चौथी पीढ़ी (Fourth Generation)1971-1985
पांचवीं पीढी (Fifth Generation)1985 – अब तक

इनपुट और आउटपुट डिवाइस क्या है? 

अब हम आपको बताते है इनपुट डिवाइस और आउटपुट डिवाइस क्या होता है और कौन – कौन से डिवाइस इनपुट डिवाइस और आउटपुट डिवाइस है |

इनपुट डिवाइस क्या है?

Input Devices  वो Devices  होती है जिसके जरिए Computer को Data Provide किया जाता है | कोई Information दी जाती है |

आउटपुट डिवाइस क्या है?

Output Devices को वो Devices होती है जिसके जरिए Computer से Information या कोई Data लिया जाता है |


इनपुट डिवाइस सूची – Input Devices List

1. Keyboard – (कीबोर्ड)

Input Device में सबसे पहले Keyboard आता है  Keyboard सबसे Common और सबसे Popular input Device है | जो कि Data को Computer में input करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | जैसे – Alphanumeric Data (अक्षर , संख्याएँ और चिन्हों को )  |

2. Mouse (माउस)

Mouse एक Most Popular Pointing Device है | ये एक पेमस कर्सर Control Device है | इसमे दो Button होते है एक Left Side में और एक Right Side में और बीच में एक Wireless होता है | जोकि Screen पर कर्सर की पोजीसन को Control करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | माउस एक इनपुट डिवाइस है |

जिसका इस्तेमाल लगभग सभी Computer और Laptop में किया जाता है | Computer में Mouse को अलग से लगाना होता है और Laptop में Mouse पहले से ही लगा होता है लेकिन आप अलग से भी Mouse को Laptop में लगा सकते है |

3. Joystick (जॉयस्टिक)

Joystick भी एक Pointing Device है | जोकि Cursor की Position  को monitor की Screen पर move करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | Joystick का इस्तेमाल Game खेलने के लिए किया जाता है | Joystick एक Input Device है |

4. Scanner (स्कैनर)

Scanner भी एक Input Device है | यह एक Photocopy मशीन की तरह से काम करता है | Scanner से Images को Capture करता है  और यूज़ Digital form  में Convert करके Disk में Store कर देता है | इसके बाद उन images को Edit या Print किया जा सकता है |

5. Microphone (माइक्रोफोन)

Microphone एक Input Device है | जोकि Sound को Store करता है |

6. Magnetic ink character recognition (MICR)

MICR भी एक Input Device है जोकि ज्यादातर Bank में इस्तेमाल की जाती है | चेक पे जो Number लिखे हुए होते है | उन्हें Read करने के यही MICR मशीन इस्तेमाल किया जाता है |

7. Optical character recognition (OCR)

OCR Printing Text को Read करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | एक पेपर पे जो भी Text या Character लिखे हुए होते है OCR Machine Language में Convert कर देता है और यूज़ System Memory में Save कर देता है | OCR भी एक इनपुट डिवाइस है |

8. Light Pen

लाइट पेन एक परकार का  input device है यह mouse की तरह कार्य करता है | इसका प्रयोग direct computer screen पर कुछ भी लिखने या चिन्ह बनाने के लिए इस्तेमाल  किया जाता है

9. Web Cam

वेबकैम का यूज़ Internet पर Photo दिखाने तथा Photo लेने के लिए करते है इसका यूज हम इंटरनेट की मदद से दूर बैठे आदमी का फोटो ले सकते हैं लेकिन दूसरे व्यक्ति के पास भी Webcam होना चाहिए यह एक प्रकार का Digital Camera है |

10. Bar Code Reader

Bar Code Reader की मदद से हम Bar Code को Scan कर सकते हैं Bar Code सामानों के ऊपर सफेद और काली लाइन में बना होता है Bar Code Reader की मदद से हम Bar Code को स्कैन करके डिजिटली रूम में कंप्यूटर में Data भेज देते हैं आजकल लगभग सभी जगहों पर Bar Code का इस्तेमाल किया जाता है जैसे पुस्तकालय, बैंक , पोस्ट , ऑफिस और सुपर मार्केट में |

11 .Touch Screen

यह एक इनपुट डिवाइस है जब हम स्क्रीन पर कहीं पर टच करते हैं तो यह पता लगा लेता है कि हमने इसे कहां पर टच किया है इसका यूज बैंकों में एटीएम तथा सार्वजनिक सूचना केंद्रों में स्क्रीन पर उपलब्ध विकल्पों का चुनने के लिए किया जाता है

12. Digital Camera

डिजिटल कैमरा की मदद से आप फोटो को कैप्चर कर सकते हैं और वीडियो भी शूट कर सकते हैं |


आउटपुट डिवाइस सूची – Output Devices List

1. Monitor (मॉनिटर)

Output Devices में सबसे पहले Monitor आता है | Monitor को Visual Display Unit (V.D.U.) भी कहा जाता है | ये  Computer का सबसे Main Output Device होता है | Computer में हम जो भी काम करते है | उसको ये Screen पे Show करता है | Monitor के जरिए हमे पता चलता रहता है कि हम Computer में क्या काम कर रहे है |

2. Printer (प्रिंटर)

Printer भी एक Output Device है | जोकि information को पेपर पर Print करने का काम करता है | जिस information को हम Monitor पर देख रहे है या जो हमने अपने Computer में information तैयार की है उसको हम Printer की मद्दत से एक Pager पे Print कर सकते है |

3. Speaker (स्पीकर)

Speaker भी एक Output Device है | क्योकि Computer स्पीकर के जरिए से हमें Sound का Output देता है |


मेमोरी क्या है?

Computer में तीन तरह की मेमोरी होती है Primary Memory, Secondary Memory और  Cache Memory  |

Primary Memory in Hindi

Primary Memory भी दो तरह की होती है Ram और Rom |

1. रैम क्या है – What is RAM

RAM का full form “Random Access Memory” होता है। येकं प्यूटर ससस्टम को virtual space देता है RAM को हम Primary memory के नाम से भी जानते है | जब भी हम कं प्यूटर में current time में काम कर रहे होते हैं

RAM उस डाटा को Store करके रखता है। लेकिन RAM इस Data को तभी तक Store करके रखता है जब तक कि कंप्यूटर में power होता है या आप उस file को बंद नहीं करते है RAM दो प्रकार के होते है |

  • SRAM (Static RAM) – SRAM कंप्यूटर को काम करने के लिए लगातार electric power की जरुरत होती है Static memory एक volatile memory होती है क्योकि जब भी Power cut हो जाता है तो इसमे Store किया गया सारा Data ख़त्म हो जाता है |
  • DRAM (Dynamic RAM) – ये Static RAM का बिलकुल उल्टा होता है इसे हम DRAM के नाम से जानते है Dynamic RAM capacitor जो data को store करते है वो धीरे – धीरे power को discharge करके रहते है अगर energy खत्म हो जाती है तो data भी खत्म हो जाता है |

2. Secondary Memory – सेकेंडरी मेमोरी क्या हैं?

Secondary Memory को अलग से जोड़ा जाता है और ये Storage  के काम में आती है और इसे Secondary device भी कहा जाता है Primary memory के मुकाबले इसकी Speed का होती है लेकिन इसकी Storage  की capacity primary memory के मुकाबले ज्यादा होती है और जरुरत पड़ने पर Upgrade भी किया जा सकता है | Secondary Memory चार प्रकार की होती है |

  • Magnetic Tape
  • Magnetic Disk (Floppy Disk, Hard Disk etc)
  • Optical Disk (CD, DVD etc)
  • USB Flash Drive (Pan Drive)

3. Cache Memory – कैश मेमोरी क्या हैं?

Cache memory size में बहुत ही छोटी होती है लेकिन computer की main memory से बहुत तेज होती है इसे CPU भी memory भी कहा जाता है  जिन program और instruction को बार – बार इस्तेमाल किया जता है उनको कैश मेमोरी अपने अंतर Save कर लेती है |


ROM क्या है?

ROM Full Form “Read Only Memory” है | ROM Computer System की Primary storage device होती है। यह Chip के आकार का होता है जो Computer के Motherboard से जुड़ी हुई होती है। ROM Computer मे Built-in Memory के रूप में होती है जिसका डाटा Read Only होता है

मतलब उसमे कुछ भी Write Or Modify नहीं किया जा सकता है | यह RAM Memory की तरह अपना Data Computer बंद होने के बाद भी खत्म नहीं करती है, इसमें पूरा Data Store रहता है | ROM 5 प्रकार के होते है |

  • PROM – Programmable Read-only Memory
  • EPROM – Erasable Programmable Read-only Memory
  • EEPROM – Electrically Erasable Programmable Read-only Memory
  • EAROM – Electrically Alterable Read-only Memory
  • Flash Memory

What is CPU – सीपीयू क्या है?

CPU का Full Form “Central processing unit” होता है Central processing unit का primary unit होता है जो instruction को process करता है ये लगातार operating system और Applications को चलता रहता है इसके साथ ही ये user के द्वारा किये गए input को रिसीव करता है और उसके आधार पर दुसरे सभी Software को चलता है

ये input किये गए data को process करके output हमें देता है  CPU को दुसरे नामो से भी जाना जाता है जैसेकि – Processor ,micro  processor, central processor और इसे computer का दिमाक भी कहा जाता है | CPU के main 3 components होते है |

  • Storage Unit or Memory Unit  – Memory Unit System data instruction और result को store करके रखती है ये computer के दुसरे units को जरूरत पड़ने पर information सप्लाई भी करती है जैसेकि – RAM, ROM, Hard Disk |
  • Control unit – Control unit computer के सभी parts के operation को control करता है ये unit real में data processing करने का काम करता है |
  • ALU (Arithmetic and logic unit) – ALU दो पार्ट में बटा होता है एक Arithmetic section और logical section | Arithmetic section का काम है math से जुड़े problem  को हल करना | Logical section का काम है logic कामो को करना जैसेकि – तुलना करना , चुनाव करना |

CPU कई प्रकार के होते है Single Core CPU , Dual Core CPU, Quad Core CPU और Octa Core CPU | आपके CPU में जितना ज्यादा Core होगे उतना ही ज्यादा वो Fast होगा उतनी ही आप एक सा ज्यादा से ज्यादा काम कर पायेगे |

  • Single Core CPU – एक Core होते है |
  • Dual Core CPU – दो Core होते है |
  • Quad Core CPU – चार Core होते है |
  • Octa Core CPU – आठ Core होते है |

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अंतर

अब हम जानेगे Software और Hardware क्या होता है सोफ्टवेयर और हार्डवेयर में क्या – क्या अंतर होता है और कंप्यूटर में सॉफ्टवेर और हार्डवेयर का क्या काम होता है | कंप्यूटर में दो पार्ट होते है एक सॉफ्टवेर और दूसरा हार्डवेयर |


सॉफ्टवेर क्या है?

Software Program का रूप है जो किसी ख़ास काम को करने के लिए बनाया जाता है  जी ऐसी Language  में होते है जिसे कंप्यूटर समझ सकता है | जैसे कि – C , C++ , Java , .NET आदि | Software के दो प्रकार के होते है |

  • System Software
  • Application Software

सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है ?

ये Software Computer में ऐसा Platform तैयार करते है | जिससे दुसरे Application Software को चलने में मद्दत मिल सके | ये User Friendly environmentदेता है जिससे user system को आसानी से चला सके |

ये Software वो Program है जिन्हें  Computer खुद से manage करता है |ये System में  install होते है और hardware को use करके उसे manage  करते है System Software को operating systemभी कहा जाता है |

इन Software का काम Computer में File , memory, Hardware को मैनेज करना और दुसरे resources provide करना होता है| बिना System Software के कंप्यूटर में कोई भी काम नहीं हो सकता है | System Software है जैसे  – Microsoft windows, Linux , mac और Android आदि |

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है ?

ये  सोफ्टवेयरSystem Software की मद्दत से Computer पर Run होता है इन्हें किसी एक तरह के Task को पूरा करने के लिए बनाया जाता है | Computer बिना Application Software के आसानी से चल सकता है लेकिन बिना System Software के नहीं | फिर भी Application software important होते है

इन्हें productivity program and user program भी कहा जाता है  ये user को उसका कार्य पूरा करने में मद्दत करते है | Application Software है जैसे –  MS Word, WordPad and Notepad, Media Player, Microsoft Office, web browsers आदि |


हार्डवेयर क्या है – Hardware

हार्डवेयर को HW भी कहा जाता है Hardware Computer का वो हिस्सा है जिसे हम देख भी सकते है और छू भी सकते है | Hardware है जैसे –

मदरबोर्ड क्या है?

ये Hardware का Main Part होता है जिसे देखने के लिए आपको Computer को खोलना पड़ेगा ये एक बोर्ड है जिसे PC भी कहा जाता है यानी Printer circuit board भी कहा जाता है ये बोर्ड कंप्यूटर के अलग – अलग components को पकड़ कर रखता है |

ग्राफिक कार्ड क्या है?

इसे Motherboard में insert किया जाता है | ग्राफ़िक कार्ड का इस्टे माल Monitor पे Images  Produce करने के लिए किया जाता है ये Data को कुछ इस तरह से Convert  करता है और  signal generate करता है जिसे आपका monitor आसानी से समझ जाता है |

जितना अच्छा ग्राफ़िक कार्ड होगा उतनी ही अच्छी image produce होती है Games और Video Editing के लिए Graphic card होना बहुत ही जरुरी होता है | ये Motherboard में लगाया जाता है  और इसका Size एक चिप की तरह होता है |


कंप्यूटर कीबोर्ड क्या है

कंप्यूटर कीबोर्ड क्या है – एक input device है सामान्य Keyboard में 104 Keys होते है | कीबोर्ड में मैजूद हर एक Keys का अपना एक ख़ास काम होता है | Keyboard को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए एक विशेष जगह बनी होती है लेकिन

आजकल USB की-बोर्ड आते हैं जो कंप्यूटर की USB पोर्ट में लग जाते हैं तथा वायरलेस की-बोर्ड भी आते हैं जिन्हें सिस्टम से जोड़ने की जरूरत नहीं होती है | Keyboard के keys को 6 भागो में बटा गया है |

  1. Function Keys
  2. Typing Keys
  3. Control keys
  4. Navigation Keys
  5. Indicator Keys
  6. Numeric Keys

माउस क्या है?

माउस एक इनपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर के Screen के pointer या cursor को control करता है इस pointer के जरिए हम computer के अंदर files, folders और दूसरे सभी items को खोलने, बंद करने, एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के इस्तेमाल करते हैं.

इन सभी कामों को करने की वजह से इसे Pointing device भी बोलते हैं | इसमें लेफ्ट बटन, राइट बटन और बीच में एक स्क्रौल व्हील होता है | माउस का आविष्कार “डगलस सी इंजेल्वरर्ट”  ने किया था |

माउस के कार्य –

1. Left Click or Click (लेफ्ट क्लिक या क्लिक)

Mouse के Left Button को एक बार दबाकर छोड़ने पर एक आवाज (Clicking Sound) आती है स्क्रीन पर किसी भी Object को Select करता  है |

  • Double Click (डबल क्लिक) – Mouse के left button को जल्दी-जल्दी दो बार दबाकर छोड़ने को Double click कहते हैं डबल क्लिक का यूज़ हम file, document और program को Open करने के लिए करते हैं |
  • Triple Click (ट्रिपल क्लिक) – Mouse के left button को एक साथ तीन बार जल्दी से दबाने पर Triple Click होती है Triple Click का उपयोग बहुत ही कम किया जाता है इसका यूज़ किसी Document में पूरे paragraph कोselect करने के लिए किया जाता है |

2. Right Click (राईट क्लिक)

Mouse के Right button को दबाना Right Click कहलाता है. किसी Item पर Right Click करने से उस Item के साथ किये जा सकने वाले कार्यो कि एक list खुलती है जिससे हम Item को पूरी तरह से एक्सेस कर सकते है |

3. Drag and Drop (ड्रैग और ड्राप) 

Mouse के द्वारा Computer Screen पर उपलब्ध किसी भी item को एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखा जा सकता है Mouse Pointer के द्वारा किसी item को select करने के लिए left button को उस item पर दबाएं रखे और उस item को उसके वांछित जगह तक खीचं कर ले जाए और button को छोड़ दे इस संपूर्ण कार्य (खीचना और छोड़ना) को Drag and Drop कहा जाता है |

4. Scrolling (स्क्रॉल)

Mouse Wheel द्वारा किसी Document, Web page को ऊपर-नीचे सरकाना Scrolling कहलाता है ऊपर की तरफ सरकाने के लिए Wheel को अपनी तरफ घुमाना पड़ता हैऔर नीचे की तरफ सरकाने के लिए बाहरकी तरफ घुमाना पड़ता है |

संबंधित प्रश्न – FAQs : Computer Basic Knowledge in Hindi | कंप्यूटर की बेसिक जानकारी

कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहते हैं?

कंप्यूटर को हिंदी में  “संगणक” कहा जाता है।

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