Computer Generation in Hindi – कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ, विशेषताएँ, लक्षण

Posted on

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ (Computer Generation in Hindi)– पहले के कंप्यूटर बहुत बड़े, बहुत भारी और बहुत महंगे हुआ करते थे और अब के कंप्यूटर बहुत छोटे, कम भारी और सस्ते होते है | जैसे – जैसे कंप्यूटर में परिवर्तन हुआ वैसे – वैसे इसे अलग – अलग पीढियों में बाट दिया गया | सन् 1946 में प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) युक्त ENIAC कम्प्यूटर की शुरूआत में कम्प्यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया कम्प्यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्वपूर्ण डिवाइसेज की सहायता से कम्प्यूटर ने आज तक की यात्रा तय की। इस विकास के क्रम को हम कम्प्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार पर निम्नलिखित पाँच पीढ़ियों में बाँटते हैं | Computer Generations History.

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ की सूची – Computer Generation in Hindi

प्रथम पीढ़ी (First Generation)1946-1956
द्वितीय पीढी (Second Generation) 1956-1964
तीसरी पीढी (Third Generation)1965-1971
चौथी पीढ़ी (Fourth Generation)1971-1985
पांचवीं पीढी (Fifth Generation)1985 – अब तक

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ – Generations Of Computer in Hindi

  1. कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी (First Generation of Computer In Hindi)
  2. कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी (Second Generation of Computer In Hindi)
  3. कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी (Third Generation of Computer In Hindi)
  4. कंप्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation of Computer In Hindi)
  5. कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी (Fifth Generation of Computer In Hindi)

कम्प्यूटरों की प्रथम पीढ़ी (first generation of computer in hindi) :- 1946-1956

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरुआत सन् 1946 में एकर्ट और मुचली के एनिएक (ENIAC & Electronic Numerical | Integrator And Computer) नामक कम्प्यूटर के निर्माण से हुआ था इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था जिसका आविष्कार सन् 1904 श्रवीद Ambrose Fleming ने किया था इस पीढ़ी में एनिएक के अलावा और भी कई अन्य कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम एडसैक (EDSEC Electronic Delay Storage Automatic Calculator), एडवैक (EDVAC- Electronic Discrete Variable Automatic Computer), यूनिवैक (UNIVAC- Universal Automatic Computer) एवं यूनीवैक-1 (UNIVAC-1) हैं।

Computer Generation in Hindi 01
FIRST GENERATION COMPUTER

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते थे | इनकी Speed बहुत ही Slow होती थी और मेमोरी भी कम होती थी इसी कारण इन कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करके नहीं रखा जा सकता था इन कंप्यूटर की कीमत बहुत अधिक होने के कारण ये कंप्यूटर आम जनता की पहुँच से दूर थे।

Storage (स्टोरेज) – Magnetic drums (मैग्नेटिक ड्रम)

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम

  • ENIAC
  • EDVAC
  • UNIVAC
  • IBM – 701

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं –

  • बहुत गर्मी पैदा करते थे |
  • बहुत अधिक विजली खपत होती थी |
  • बहुत महगे थे |
  • स्लो इनपुट और आउटपुट थे |
  • आकार में बहुत बड़े थे |
  • कोई AC की आवश्यकता थी |

प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित लक्षण थे –

  • वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग
  • पंचकार्ड पर आधारित
  • संग्रहण के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग
  • बहुत ही नाजुक और कम विश्वसनीय
  • बहुत सारे एयर कंडीशनरों का प्रयोग
  • मशीनी तथा असेम्बली भाषाओं में प्रोग्रामिंग

कम्प्यूटरों की द्वितीय पीढ़ी (second generation of computer in hindi) :- 1956-1964

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी बाद सन् 1956 में कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी की शुरूआत हुई इन कम्प्यूटरों में Vacuum tube (वैक्यूम ट्यूब) के स्थान पर Transistor (ट्रॉजिस्टर) का उपयोग किया जाने लगा। विलियम शॉकले (William Shockley) ने ट्रॉजिस्टर का आविष्कार सन् 1947 में किया था जिसका उपयोग द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर किया जाने लगा। ट्रॉजिस्टर के उपयोग ने कम्प्यूटरों को वैक्यूम ट्यूबों के अपेक्षाकृत अधिकगति एवं विश्वसनीयता प्रदान की Transistor (ट्रॉजिस्टर) के आने के बाद कंप्यूटर के आकार में भी सुधार आया द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से आकार में छोटे हो गये |

Computer Generation in Hindi 02
SECOND GENERATION COMPUTER

Storage (स्टोरेज) – Magnetic cores, Tapes and disks (मैग्नेटिक कोर,  टेप और डिस्क )

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम

  • IBM – 1620
  • IBM 7094
  • CDC1604
  • CDC 3600
  • UNIVAC 1108

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी  की विशेषताएं – 

  • बिजली की खपत कम
  • पहले पीढ़ी से तेज गति
  • पहले पीढ़ी से साइज़ में छोटे
  • बहुत महगे थे |
  • आकार में छोटे थे |
  • कम गर्मी पैदा करते थे |
  • कोई AC की आवश्यकता थी |

द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित लक्षण थे –

  • वैक्यूम ट्यूब के बदले ट्रॉजिस्टर का उपयोग
  • अपेक्षाकृत छोटे एवं ऊर्जा की कम खपत
  • अधिक तेज एवं विश्वसनीय
  • प्रथम पीढ़ी की अपेक्षा कम खर्चीले
  • COBOL, तथा FORTRAN जैसी उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास
  • संग्रहण डिवाइस प्रिंटर एवं ऑपरेटिंग सिस्टम आदि का प्रयोग

कम्प्यूटरों की तीसरी पीढ़ी (third generation of computer in hindi) :- 1965-1971 

कम्प्यूटरों की तीसरी पीढ़ी की शुरूआत 1964 में हुई इस पीढ़ी ने कम्प्यूटरों को IC (आई.सी.) प्रदान किया। आई.सी. अर्थात् एकीकृत सर्किट (Integrated Circuit) का आविष्कार (Texas) Instrument Company) के एक अभियंता जैक किल्बी (Jack Kilby) ने किया था। इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में ICL 2903, ICL 1900, UNIVAC 1108 और System 1360 प्रमुख थे।

THIRD GENERATION COMPUTER

Storage (स्टोरेज) – Magnetic cores (मैग्नेटिक कोर)

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम

  • IBM 360 Series
  • Honeywell – 600 Series
  • PDP IBM 370

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी  की विशेषताएं – 

  • आकार में छोटे थे |
  • बिजली की खपत कम होती थी |
  • बहुत महगे थे |
  • कम गर्मी पैदा करते थे |
  • कोई AC की आवश्यकता थी

तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित लक्षण थे –

  • एकीकृत सर्किट (Integrated Circuit) का प्रयोग
  • प्रथम एवं द्वितीय पीढ़ियों की अपेक्षा आकार एवं वजन बहुत कम
  • अधिक विश्वसनीय
  • पोर्टेबल एवं आसान रख-रखाव
  • उच्चस्तरीय भाषाओं का बृहद् स्तर पर प्रयोग

कम्प्यूटरों की चतुर्थ पीढ़ी (fourth generation of computer in hindi) :- 1971-1985

कंप्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी की शुरुआत सन् 1971 से हुई, सन् 1971 से लेकर 1985 तक के कम्प्यूटरों को चतुर्थ पीढ़ी कें कम्प्यूटरों की श्रेणी में रखा गया है। इस पीढ़ी में Integrated Circuit को और अधिक विकसित किया गया जिसे विशाल एकीकृत सर्किट (Large Integrated Circuit) कहा जाता हैं। एक Integrated Circuit लगभग 300000 ट्रांजिस्टरों के बराबर कार्य कर सकता हैं। इस आविष्कार से पूरी सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट एक छोटी सी चिप में आ गयी जिसे माइक्रो प्रोसेसर कहा जाता हैं। इसके उपयोग वाले कम्प्यूटरों को माइक्रो कम्प्यूटर कहा गया।

FOURTH GENERATION COMPUTER

ALTAIR 8800 सबसे पहला माइक्रो कम्प्यूटर था जिसे (MITS-) नामक कम्पनी ने बनाया था। इसी कम्प्यूटर पर बिल गेटस (Bill gates), जो उस समय हावर्ड विश्वविद्यालय के छात्र थे, ने बेसिक भाषा को स्थापित किया था। इस सफल प्रयास के बाद गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी की स्थापना की जो दुनिया में सॉफ्टवेयर की सबसे बड़ी कम्पनी हैं। इस कारण, बिल गेट्स को दुनिया भर के कम्प्यूटरों का स्वामी कहा जाता हैं।

चतुर्थ पीढ़ी के आने से कंप्यूटर के युग में एक नई क्रान्ति आई. इन कंप्यूटर का आकार बहुत ही छोटा हो गया और मेमोरी बहुत अधिक बढ़ गई आकार छोटा होने से इन कंप्यूटर का रख रखाव बहुत आसान हो गया इसी के साथ इनकी कीमत इतनी कम हो गई की आम जनता इन कंप्यूटर को आसानी से खरीद सकती थी |

Storage (स्टोरेज) – Semiconductor memory (सेमीकंडक्टर मेमोरी )

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम

  • DEC 10
  • STAR
  • 1000 PDP 11
  • CRAY – 1
  • CRAY x – MP (Super Computer)

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी  की विशेषताएं – 

  • बहुत सस्ते
  • बहुत छोटे साइज
  • कोई AC की आवश्यकता नहीं थी
  • इन्टरनेट की शुरुआत की गई थी

चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित लक्षण हैं

  • अतिविशाल स्तरीय एकीकरंण (Very Large Scale Integration) तकनीक का उपयोग
  • आकार में अद्भुत कमी
  • साधारण आदमी की क्रय-क्षमता के अंदर
  • अधिक प्रभावशाली विश्वसनीय एवं अद्भुत गतिमान
  • अधिक मेमोरी क्षमता
  • कम्प्यूटरों के विभिन्न नेटवर्क का विकास

कम्प्यूटरों की पांचवीं पीढ़ी (fifth generation of computer in hindi) :- 1985 – अब तक 

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी की शुरुआत 1985 से हुई, 1985 से अब तक के कंप्यूटर पांचवी पीढ़ी के अंतर्गत आते हैं कंप्यूटरों की पाँचवीं पीढ़ी में वर्तमान के शक्तिशाली एवं उच्च तकनीक वाले कम्प्यूटर से लेकर भविष्य में आने वाले कम्प्यूटरों तक को शामिल किया गया हैं। इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में कम्प्यूटर वैज्ञानिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) को समाहित करने के लिए प्रयासरत हैं। आज के कम्प्यूटर इतने उन्नत हैं कि वे हर विशिष्ट क्षेत्र, मूल रूप से अकाउन्टिंग, इंजिनियरिंग, भवन निर्माण, अंतरिक्ष तथा दूसरे प्रकार के शोध-कार्य में उपयोग किये जा रहे हैं।

FIFTH GENERATION COMPUTER

इस पीढ़ी के प्रारम्भ में कम्प्यूटरों का परस्पर संयोजित किया गया ताकि डेटा तथा सूचना की आपस में साझेदारी तथा आदान-प्रदान हो सकें। नये इंटिग्रेटेड सर्किट (Ultra Large Scale Integrated Circuit), वेरी लार्ज स्केल इंटिग्रेटिड सर्किट (Very Large Scale Integrated Circuit) को प्रतिस्थापित करना शुरू किया। इस पीढ़ी में प्रतिदिन कम्प्यूटर के आकार को घटाने का प्रयास किया जा रहा हैं जिसके फलस्वरूप हम घड़ी के आकार में भी कम्प्यूटर को देख सकते हैं। पोर्टेबल (Portable) कम्प्यूटर तथा इण्टरनेट की सहायता से हम दस्तावेज, सूचना तथा पैसे का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

Storage (स्टोरेज) – Optical disk (ऑप्टिकल डिस्क )

पाँचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम

  • Desktop
  • Laptop
  • Notebook
  • Ultrabook
  • Chrome book

कंप्यूटर की पाँचवी पीढ़ी  की विशेषताएं – 

  • मल्टीमीडिया फीचर के साथ
  • सस्ती दरो पर बहुत पावरफुल

पाँचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित लक्षण हैं

  • कम्प्यूटरों के विभिन्न आकार (Different Size of Computer) आवश्यकतानुसार कम्प्यूटर के आकार और संरचना को तैयार किया जाता हैं। आज विभिन्न मॉडलों-डेस्क टॉप (Desk Top), लैप टॉप (Laptop), पाम टॉप (Palm Top), आदि में कम्प्यूटर उपलब्ध हैं।
  • इण्टरनेट (Internet) – यह कम्प्यूटर का एक अंतर्राष्ट्रीय संजाल हैं। दुनिया भर के कम्प्यूटर नेटवर्क इण्टरनेट से जुड़े होते हैं। और इस तरह हम कहीं से भी, घर बैठे अपने स्वास्थ्य, चिकित्सा विज्ञान कला एवं संस्कृति आदि-लगभग सभी विषयों पर विविध सामग्री इण्टरनेट पर प्राप्त कर सकते हैं।
  • मल्टीमीडिया (Multimedia) – ध्वनि (Sound) दृश्य (Graphics), या चित्र और पाठ के सम्मिलित रूप से मल्टीमीडिया का इस पीढ़ी में विकास हुआ हैं।
  • नये अनुप्रयोग (New Applications)- कम्प्यूटर की तकनीक अतिविकसित होने के कारण इसके अनुप्रयोगों यथा फिल्म निर्माण, यातायात नियन्त्रण, उघोग, व्यापार एवं शोध आदि के क्षेत्र में।

अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो आप कृपया करके इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप नीचे दिए गए Comment Box में जरुर लिखे।

Tags:

computer / Education / history

Leave a Comment