नमस्ते दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें? इसके बारे में जानेगें। Hindi Diwas Par Nibandh बहुत ही सरल और सुव्यवस्थित हिन्दी भाषा में क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया है जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी है।
Hindi Diwas Par Nibandh: हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें?
“बिन मातृभाषा के साहित्य भी वीरान रहेगा,
हिंदी रहेगी तभी हिन्दुस्तान रहेगा॥”
रूपरेखा
- प्रस्तावना
- हिन्दी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है।
- हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है या राजभाषा,
- हिन्दी दिवस मनाने का कारण और उद्देश्य
- हिन्दी दिवस का इतिहास
- हिन्दी दिवस का महत्व
- हिन्दी दिवस का वर्णन
- उपसंहार ।
1. प्रस्तावना
“जिसने सबके मन को जीत लिया ऐसी मनमोहनी भाषा है हिन्दी।
सरल शब्दों में कहा जाए तो, जीवन की परिभाषा है हिन्दी ॥”
प्रत्येक देश की पहचान उस देश की भाषा और संस्कृति से होती है किसी भी देश की एकता में उस देश की राष्ट्रभाषा अहम भूमिका निभाती है। हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा हिन्दी है। हिन्दी भाषा हमारे देश भारत के सम्मान, स्वाभिमान और गर्व का प्रतीक है। यह भाषा बहुत ही सहज और सरल है। हिन्दी भाषा हमारे देश भारत की पहचान है।
“सोधी सी सुगन्ध मीठी सी भाषा,
गर्व से कहों हिन्दी है हमारी मातृभाषा ॥”
2. हिन्दी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
हिन्दी को संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को राजभाषा के रूप में अपनाया। इस प्रकार हिन्दी को संविधान में राजभाषा का दर्जा मिला। इसीलिए भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को ‘राष्ट्रीय हिन्दी दिवस‘ के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारतीय हिन्दी भाषा के बारे में जागरुकता फैलाना और इसे विश्व भर में मान सम्मान दिलाना है। तथा प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
“ऊँचाईयों के शिखर पर हिन्दी को पहुंचाओं,
हिन्दी की पहचान पूरी दुनिया में बनाओ ।।”
3. हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है या राजभाषा
हिन्दी भारत देश की राजभाषा है। अभी तक कोई भी भाषा भारत की राष्ट्रभाषा निर्धारित नहीं हुई है।
4. हिन्दी दिवस मनाने का कारण और उद्देश्य
हिन्दी दिवस को मनाना आज के समय में अत्यन्त आवश्यक हो गया है। आज के समय में लोग सिर्फ अग्रेजी पर ही ध्यान देते हैं। आज सिर्फ उन्हीं लोगो को पढ़ा लिखा गाना जाता है जो लोग अग्रेजी बोल और लिख पाते है। जबकि हिन्दी हमारी राजभाषा है और हिन्दी भाषा से राष्ट्र की एकता और अखण्डता को बनाये जा सकता है। ऐसे लोग जो अग्रेजी भाषा से प्रभावित है उनके बीच हिन्दी भाषा के महत्व पर जोर देने और प्रत्येक पीढ़ी के बीच में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए ‘हिन्दी दिवस’ मनाया जाता है। ताकि भारतीय संस्कृति को संजोया जा सके।
“बिछड़ जायेगे अपने हमसे, अगर अंग्रेजी टिक जायगी।
मिट जायेगा वजूद हमारा, अगर हिन्दी मिट जायेगी।।”
5. हिन्दी दिवस का इतिहास
14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी हमारी अधिकारिक भाषा होगी क्योंकि भारत के अधिक क्षेत्रों में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा हिन्दी थी। इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय गया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा तथा प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
“जन – जन की भाषा है हिन्दी, भारत की आशा है हिंदी,
जिसने पूरे देश को जोड़ा, वो मजबूत धागा है हिन्दी।”
6. हिन्दी दिवस का महत्व
हिन्दी एक ऐसी भाषा है जो सभी धर्मों के लोगों को आपस में जोड़े रखने का काम करती है। यह सिर्फ एक भाषा का ही काम नहीं करती बल्कि यह एक देश की संस्कृति, वेशभूषा और रहन-सहन की पहचान भी है। हिदी एक ऐसी भाषा है जिसकी मदद से भारत के प्रत्येक नागरिक आसानी से आपस में विचार विमर्श कर सकते है। हिंदी में ही वेदों, उपनिषदों, रामायण और महाभारत के जैसे महत्वपूर्ण ग्रन्थ लिखें गए। जिसमें भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान का भण्डार है। अतः हम भारतवासियों को अपनी मातृभाषा हिन्दी का दिल से सम्मान करना चाहिए।
“महत्व को इसके तुम भूल न जाना,
सभी भारतवासियों हिन्दी को गर्व से अपनाना।”
7. हिन्दी दिवस का वर्णन
हिंदी दिवस के मौके पर स्कूलों और कॉलेजों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें छात्र हिंदी भाषा में भाषण तैयार करते हैं, जबकि कुछ छात्र इस अवसर के लिए निबंध, कविताएं, कहानियाँ सुनाते हैं। कई संस्थाएं, हिंदी दिवस मनाने के लिए सांस्कृतिक उत्सव जैसी गतिविधियां आयोजित करती हैं।
हिंदी दिवस के मौके पर विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जैसे कविता, पाठ, भाषण. गीत नृत्य आदि।
“बाकी भाषा को मैंने महज किताबों में रखा
हिंदी को सब जगह अपने भावों में रखा।”
8. उपसंहार
हिंदी भाषा का भविष्य उज्जवल है। यदि हिंदी विरोधी अपने स्वार्थी भावनाओं को त्याग सके और हिंदी भाषी धैर्य, संतोष और प्रेम से काम ले तो हिंदी भाषा भारत के लिए समस्या न बनकर राष्ट्रीय जीवन का आदर्श बन जाएगी।
“जब तक सूरज चाँद रहेगा, हम भारतीय के दिल में हिंदी का सम्मान रहेगा।”
यह भी देखें,
- प्रदूषण की समस्या पर निबंध | Pollution Problem Essay in Hindi
- पुस्तकालय पर निबंध (Essay on Library in Hindi)
- Nibandh Kaise Likhate Hain: निबंध कैसे लिखते हैं?
- विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध
हमें उम्मीद है कि “Hindi Diwas Par Nibandh: हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें?” पर आधारित यह लेख आपको पसंद आया होगा। स्टडी नोट्स बुक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए व्यापक नोट्स प्रदान करती है।