न्यूटन के गति के नियम – Newton Ke Gati Ke Niyam

किसी वस्तु कि गति का वर्णन करने के लिए न्यूटन ने गति के तीन नियम (Newton Ke Gati Ke Niyam) दिए। इन्हें ही न्यूटन के गति के नियम अथवा गति विषयक नियम कहते है।

न्यूटन के अनुसार गति के 3 नियम क्या हैं?

  • जड़त्व का नियम
  • गति – विषयक नियम
  • क्रिया – प्रतिक्रिया का नियम
newton ke gati ke niyam
न्यूटन के गति के नियम

न्यूटन के गति के नियम – Newton Ke Gati Ke Niyam

नीचे आपको न्यूटन की गति का पहला नियम, न्यूटन का दूसरा नियम, न्यूटन की गति का तीसरा नियम के बारे में पूरी जानकारी दी गई है और साथ में उदाहरण भी :-

न्यूटन के गति का प्रथम नियम क्या है?

इस नियम के अनुसार, यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है तो वह विरामावस्था में ही रहेगी और यदि वह एक सरल रेखा में एक समान वेग से चल रही है, तो वह उसी प्रकार चलती रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए। इस नियमानुसार, प्रत्येक वस्तु अपनी गति की अवस्था में किसी परिवर्तन का विरोध करती है वस्तुओं की यह प्रवृत्ति ही जड़त्व कहलाती है। इस नियम को गैलीलियों (Galileo) का नियम अथवा जड़त्व का नियम भी कहते हैं।

न्यूटन के गति के प्रथम नियम के उदाहरण:-

  • यदि कोई पुस्तक मेज पर रखी है, तो वह तब तक उसी अवस्था में स्थिर रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए।
  • चलती हुई गाड़ी के अचानक ब्रेक लगाने पर यात्री का शरीर आगे की ओर झुक जाता है।

न्यूटन की गति का द्वितीय नियम क्या है?

इसके नियमानुसार, किसी वास्तु पर लगाया गया बल (F) उस वस्तु के द्रव्यामन (m) तथा उस वस्तु में बल की दिशा में उत्पन्न त्वरण (a) के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है।

अर्थात् F α m × d

या F = K × m × d……………….(1)

यहाँ, K एक स्थिरांक (Constant) है।

सामान्यत: बल का मात्रक इस प्रकार चुना जाता है कि एकांक द्रव्यमान की वस्तु में एकांक त्वरण उत्पन्न कर सके। यदि m = 1 किग्रा, a = 1 मी/से2 हो तो वस्तु पर लगाया गया बल F = 1 न्यूटन होगा। इन मानों को समीकरण (1) में रखने पर,

F = K × m × a ………….(1)

1 = K × 1 × 1

या K = 1

तब पुनः समीकरण (1) से,

F = m × a …………………(2)

या

बल = द्रव्यामन × त्वरण

समीकरण (2) को ही न्यूटन का गति – विषयक द्वितीय नियम कहते है।

न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के उदाहरण:-

  • क्रिकेट की गेंद पकड़ते समय खिलाड़ी अपने हाथ पीछे खींच लेता है।

न्यूटन की गति का तृतीय नियम क्या है?

इस नियमानुसार, जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है, तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाती है। इन दो बलों में से एक को क्रिया (Action) तथा दूसरे को प्रतिक्रिया (Reaction) कहते है। अत: न्यूटन के इस नियम को क्रिया – प्रतिक्रिया का नियम भी कहते है। इसके अनुसार, प्रत्येक क्रिया की उसके बराबर, परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।

यदि दो पिण्ड (माना A B) एक – दूसरे पर बल आरोपित कर रहे है तब,

पिण्ड A द्वारा पिण्ड B पर आरोपित बल = पिण्ड B द्वारा पिण्ड A पर विपरीत दिशा में आरोपित बल

FAB = -FAB

यद्यपि क्रिया और प्रतिक्रिया बल परिमाण में हमेशा समान होते है, परन्तु फिर भी ये बल एकसमान परिमाण के त्वरण को उत्पन्न नहीं कर सकते। क्योंकि प्रत्येक बल अलग – अलग द्रव्यमान की वस्तुओं पर कार्य करता है।

न्यूटन के गति के तृतीय नियम के उदाहरण:-

  • तैरते समय तैराक पानी को पीछे की ओर धकेलता है।

व्याख्या:- तैराक (मनुष्य) तैरते समय पानी को पीछे की ओर धकेलता है (क्रिया); परिणामस्वरूप पानी तैराक (मनुष्य) को आगे की ओर धकेलता है (प्रतिक्रिया)। स्पष्ट है तैराक जितनी तेजी से पानी को पीछे की ओर धकेलेगा, वह उतना ही तेज तैरेगा।

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