भाषा व्यवहार क्या हैं? स्पष्ट कीजिए

भाषा – व्यवहार प्रयोग का विषय है। यह व्यक्तिगत होने के कारण वक्ता तक ही सीमित होता है, प्रत्येक व्यक्ति अपनी उच्चारण क्षमता, मानसिकता, परिस्थिति, शिक्षा के अनुरूप ही अपनी भाषा को व्यवहार में लाता है। यहस्थूल और यथार्थ होता है। एवं …

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हिन्दी के लिंग विधान पर प्रकाश डालिए

लिंग का अर्थ है चिह व्याकरण में लिंग को मुख्यत: स्त्री – पुरुष के भाव का भेद्क माना जाता है। जिस रूप द्वारा उसके पुसत्व या स्त्रीत्व का बोध हो उसे लिंग कहते हैं। हिंदी में लिंग को दो प्रकार के होते …

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भाषा व्यवस्था के अर्थ को स्पष्ट कीजिए

भाषा व्यवस्था एक आदर्शात्मक अवधारणा है। इस सैद्धान्तिक अवधारणा में विश्व की सभी भाषाएं समाहित हैं। अर्थात यह व्यक्ति के सापेक्ष न रहकर सामाजिक होती हैं। भाषा व्यवस्था अमूर्त होती है। भाषा व्यवस्था ध्वनियों और लिपि चिन्हों से आबद्ध नहीं रहती हैं। वह …

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भाषा और लिपि में क्या अंतर है?

भाषा और लिपि में निम्नलिखित अंतर है. Bhasha Aur Lipi Mein Kya Antar Hai: क्रमांक भाषा लिपि 1. भाषा मेंउच्चरित ध्वनि संकेत होते है। जो स्वनिम कहलाते है। लिपि में लिखित ध्वनि संकेत होते हैं जो लेखिम कहलाते है। 2. भाषा स्थान …

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उपबोली किसे कहते हैं?

Answer: उपबोली का क्षेत्र बोली की अपेक्षा संकुचित होता है। डॉ. भोलानाथ तिवारी ने इसे स्थानीय बोली भी कहा है। एक बोली में कई – कई उपबोलियाँ होती हैं। ये भेद दिशाओं के आधार पर (जैसे – उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी) या …

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