Pratyay In Hindi: आप प्रत्यय के बारे में जानना अथवा समझना चाहते हो तो आपको प्रत्यय के बारे में जानने से पहले उसके शब्द-रचना के बारे में जानना अति आवश्यक है | अत: हमने यहाँ आपकी सहायता के लिए ‘शब्द-रचना’ की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की है। इस लिए पहले आप शब्द-रचना का अध्ययन करे | ताकि आपको उपसर्ग और प्रत्यय के बारे में जानकारी प्राप्त करने में अधिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े तथा आपको प्रत्यय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी अत्यन्त सरल शब्दों में आसानी से प्राप्त हो सके।
- Upsarg in Hindi – उपसर्ग – परिभाषा, अर्थ, भेद, स्पष्टीकरण और उदाहरण
- Ras in Hindi | रस की परिभाषा, भेद और उदाहरण
शब्द – रचना (Word – Formation)
- वर्णों के सार्थक समूह को ‘शब्द‘ कहते है |
- व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के तीन भेद होते है |
- रूढ़
- यौगिक
- योगरूढ़
मूलतः शब्द के दो ही भेद होते है — रूढ़ और यौगिक | योगरूढ़ अर्थ की ददृष्टि से यौगिक और योगरूढ़ समान होते है |
- रूढ़ के हम खण्ड नही कर सकते है अत: रचना में यौगिक ही रह जाते है जिनसे हम शब्द – रचना कर सकते है |
- यौगिक शब्दों की रचना तीन प्रकार ही होती है – उपसर्ग से, प्रत्यय से और समास से |
उपसर्ग से :— अति + अंत = अत्यंत [अति-उपसर्ग, अंत-मूलशब्द/धातु, अत्यंत-यौगिक शब्द ]
प्रत्यय से :— लेन + दार = लेनदार [लेन-मूल शब्द, दार-प्रत्यय, लेनदार-यौगिक शब्द]
समास से :— प्रति + दिन = प्रतिदिन [प्रति-शब्द, दिन-शब्द, प्रतिदिन-यौगिक शब्द]
- कभी – कभी एक ही मूल शब्द में उपसर्ग एवं प्रत्यय दोनों का प्रयोग होता है|
उदाहरण :— स्व + तंत्र + ता = स्वतंत्रता [स्व-उपसर्ग, तंत्र-मूल शब्द, ता-प्रत्यय]
- कभी – कभी दो प्रत्ययो का एक साथ प्रयोग किया जाता है |
उदाहरण :— समझ + दार + ई = समझदारी [समझ-मूल शब्द, दार-प्रत्यय, ई-प्रत्यय]
प्रत्यय – परिभाषा, अर्थ, भेद, स्पष्टीकरण और उदाहरण- Pratyay In Hindi
प्रत्यय की परिभाषा ? – what is pratyay in hindi
जो शब्दांश शब्दों के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देते है वे प्रत्यय कहलाते है |
प्रत्यय का अर्थ ?
प्रत्यय = का शब्दार्थ होता है – प्रति (साथ में पर बाद में) + अय (चलने वाला) |
अर्थात्
प्रत्यय शब्द का अर्थ है पीछे चलना |
प्रत्यय का उदाहरण :— दयालु, मिठाई आदि |
स्पष्टीकरण:— दयालु ने दया शब्द के अन्त में आलु तथा ‘मिठाई’ में मीठा शब्द के अन्त में ‘आई’ जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है | अत: यहाँ आलु तथा आई शब्दांश प्रत्यय है।
नोट:— प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नही होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है |
प्रत्यय के भेद अथवा प्रकार:— प्रत्यय के मूलतः दो भेद अथवा प्रकार है —
- कृत् प्रत्यय
- तध्दित प्रत्यय
(1) कृत् प्रत्यय की परिभाषा: — वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप यानी धातु (root word) में जोड़े जाते है, ‘कृत् प्रत्यय’ कहलाते है | तथा कृत् प्रत्यय से बने शब्द कृदन्त (कृत्+अंत) शब्द कहलाते है |
जैसे : — ‘पढ़’ धातु में ‘आई’ शब्दांश (प्रत्यय) जोड़कर ‘पढ़ाई’ शब्द बनाता है तथा लिख धातु में ‘अक’ (प्रत्यय) जोड़कर ‘लेखक’ शब्द बनता है |
स्पष्टीकरण: — यहाँ पर आई और अक कृत् प्रत्यय है तथा पढ़ाई और लेखक कृदंत शब्द है | प्रत्ययो को जोड़कर संज्ञा, विशेषण तथा अव्यय शब्दों की रचना की जा सकती है |
(2) तध्दित प्रत्यय की परिभाषा : — धातु के अतिरिक्त संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों में जोड़कर नवीन शब्दों की रचना करने वाले शब्दांशो को तध्दित प्रत्यय कहा जाता है | तथा तध्दित प्रत्यय से बने शब्द तध्दितांत शब्द कहलाते है |
जैसे –
सेठ + आनी = सेठानी |
भला + आई = भलाई |
स्पष्टीकरण :— अत: जहाँ सेठ और भला शब्दों में आनी और आई (प्रत्यय) जोड़कर ‘सेठानी’ और ‘भलाई’ शब्द बनता है | इसलिए यहाँ ‘आनी’ और ‘आई’ तध्दित प्रत्यय है तथा सेठानी और भलाई तध्दितात शब्द है |
कृत् प्रत्यय और तध्दित प्रत्यय में मूल अन्तर
कृत् प्रत्यय और तध्दित प्रत्यय में मूल अन्तर यह है कि कृत् प्रत्यय धातुओ में लगते है, जबकि तध्दित प्रत्यय धातुभिन्न शब्दों में लगते है |
कृत् प्रत्यय और तध्दित प्रत्यय में समानता
दोनों प्रत्ययो में समानता यह है कि दोनों प्रकार के प्रत्ययो से बनने वाले शब्द संज्ञा या विशेषण होते है |
नोट:- हिन्दी के प्राय: सभी कृत् एवं तध्दित प्रत्यय संस्कृत के कृत् एवं तध्दित प्रत्ययो से ही विकसित हुए है |
हिंदी के कृत् प्रत्यय – Pratyay In Hindi
प्रत्यय | मूल शब्द | उदाहरण |
-अक्कड़ | धूम, पी, बूझे, भूल | घुमक्कड़, पियक्कड़, बुझक्कड़, भुलक्कड़ |
-अन्त, अन्तू | भिड़, रट, उड़, घूम | भिड़न्त, रटन्त, उड़न्तू, घुमन्तू |
-आ | घेर, छाप, ठेल, झूल | घेरा, छापा, ठेला, झूला |
-आन | चढ़, ढ़ल, धस, भस | चढ़ान, ढलान, धसान, भसान |
-आक,आका,आकू,अंकू | तैर, उड़, लड़ | तैराक, उड़ाका, लड़ाकू, लड़ंतू |
-आऊ | टिक, बिक | टिकाऊ, बिकाऊ |
-आई | छा, धो, पढ़, सी | छवाई, धुलाई, पढ़ाई, सिलाई |
-आहट | घबरा,चिकना,चिल्ला,जगमग | घबराहट, चिल्लाहट, जगमगाहट |
-आवन,आवना,आवनी | लुभा, चेता | लुभावना, चेतावनी |
-आवट | थक, रोक, लिख, सजा | थकावट, रुकावट, लिखावट |
-आव,आवा | घूम, चुन,दब, बह, छल,बढ़ | घुमाव, चुनाव, दबाव, बहाव, छलावा, बढ़ावा |
-आप,आपा | मिल, पूजा | मिलाप, पुजापा |
-ई | छूट, बोल, हँस, टाँक, फाँस | छुट्टी, बोली, हँसी, टाँकी, फाँसी, पारखी |
-इयल | अड़, मर, सड़ | अड़ियल, मरियल, सड़ियल |
-एरा | काट, बचा, बाँट, रच | बसेरा, लुटेरा |
-ऐया | काट, बचा, बाँट, रच | कटैया, बचैया, बटैया, रचैया |
-उआ | टहल, तर, पढ़ | टहलुआ, तरुआ, पढ़ुआ |
-इया | घट, जड़, धुन, बढ़, भूँज | घटिया, जड़िया, धुनिया, बढ़िया, भुँजिया |
-ऐत | फेंक, लड़ | फेंकैत, लड़ैत |
-औना, औनी | खेल, घिना, ठहरा, पहर | खिलौना, घिनौना, ठहरौनी, पहरौनी |
-औता, औती | समझा, चुन, मान | समझौता, चुनौती, मनौती |
-औड़, ओड़ा | चाट, हँस, चाट, हँस | चटोर, हँसोड़, चटोरा, हँसोड़ |
-ऐल | बिगड़, रख | बिगड़ैल, रखैल |
-ऊ | कमा, खा, चाल, रट | कमाऊ, खाऊ, चालू, रट्टू |
-एरा | काट, बचा, बाँट, रच | बसेरा, लुटेरा |
-ऐत | फेंक, लड़ | फेंकैत, लड़ैत |
-ऐया | काट, बचा, बाँट, रच | कटैया, बचैया, बटैया, रचैया |
-ऐल | बिगड़, रख | बिगड़ैल, रखैल |
-औड़, ओड़ा | चाट, हँस, चाट, हँस | चटोर, हँसोड़, चटोरा, हँसोड़ |
-औता, औती | समझा, चुन, मान | समझौता, चुनौती, मनौती |
-औना, औनी | खेल, घिना, ठहरा, पहर | खिलौना, घिनौना, ठहरौनी, पहरौनी |
-त, ता, ती | खप, बच, रँग, पढ़, लिख | खपत, बचत, रँगत, पढ़ता, लिखता, घटती |
-क, की | उठ, बैठ, डूब, फिर | उठक, बैठक, डुबकी, फिरकी |
-औवल | फोड़, बूझ, मना, मींच | फुड़ौवल, बुझौवल, मनौवल, मिचौवल |
-हा | काट | कटहा |
-वैया | खा, खे, गा, रख | खवैया, खेवैया, गवैया, रखवैया |
-न, ना, नी | खा, जमा, धड़क, लगा | खान, जामन, धड़कन, लगान, छनना, नपना |
हिंदी के तद्धित प्रत्यय – Pratyay In Hindi
प्रत्यय | शब्द | उदाहरण |
-आ | भूख, प्यास, खार,कड़ू, बाबू, बेटी, मुट्ठी, आप | भूखा, प्यासा, खारा, प्यारा, कड़ुवा, बबुआ, बिटिया, मुठिया |
-आऊ | घर, पण्डित | घराऊ, पण्डिताऊ |
-आई | अच्छा, खट्टा, मीठा, लाल | अच्छाई, खटाई, मिठाई, ललाई |
-आइँद | चिरा(चिता), विष, सड़ा | चिरायँद, विषाइँद, सड़ाइँद |
-आन, आनी | ऊँचा, चौड़ा, लम्बा, देवर, नौकर | ऊँचान, चौड़ान, लम्बान, देवरानी, नौकरानी |
-आटा | खर्र, फर्र | खर्राटा, फर्राटा |
-आक, आका | चट, तड़, भड़, सड़, कड़, धम, सन | चटाक, तड़क, भड़ाक, सड़ाक, कड़ाका, धमाका, सनाका |
-आहट, आहत | कड़ुवा, गरम, चिकना, भलमानस | कड़ुवाहट, गरमाहट, चिकनाहट, भलमानसाहत |
-आस | खट्टा, मीठा | खटास, मिठास |
-आव | मोटा | मुटाव |
-आलू | झगड़ा, लज्जा | झगड़ालू, लजालू |
-आर, आरा, आनी | दूध, सोना, घास, भट्ठी, पूजा, भीख | दुधार, सोनार, घसियारा, भठियारा, पुजारी, भिखारी |
-आयत | अपना, बहुत | अपनायत, बहुतायत |
-ईला | खर्च, गोबर, छवि, जहर, नोक, पत्थर, पानी | खर्चीला, गुबरीला, छबीला, जहरीला, नुकीला, पथरीला, पनीला, फुर्तीला |
-ई | अंगूठा, कंठ, चैत, बिहार, लखनऊ, हलवा, सरकार | अँगूठी, कंठी, चैती, बिहारी, लखनवी, हलवाई, सरकारी, घूँटी, बैदई |
-इयाली | खुश, हरा | खुशियाली, हरियाली |
-इया | आढ़त, रसोई, आसाम, कन्नौज, अंग, जाँघ, आम | अढ़तिया, रसोइया, असमिया, कनौजिया, अँगिया, जँघिया, अमिया |
-इयल | तोंद, दाढ़ी | तोंदियल, दढ़ियल |
-इम | रक्त, स्वन, स्वर्ण | रक्तिम, स्वमिन, स्वर्णिम |
-इन | जोगी, तेली, माली | जोगिन, तेलिन, मालिन |
-ए | धीरा, पीछा, बदला, लेखा, सामना | धीरे, पीछे, बदले, लेखे, सामने |
-ऊ | गरज, ढाल, नाक, पीठ, पेट, हित | गरजू, ढालू, नक्कू, पेटू, हितू |
-उआ | आगे, गेर, फाग, मच्छ, शहर | अगुआ, गेरुआ, फगुआ, मछुआ, शहरा |
-ऐत | डाका, बरछा, भाला, लाठी | डकैत, बरछैत, भालैत, लठैत |
-एलू | घर | घरेलू |
-एला | आधा, मोर | अधेला, मुरेला |
-एरी, एड़ी | पूजा, भाँग, गाँजा | पुजेरी, भँगेरी, गँजेड़ी |
-एर, एरा | अंध, घन, चाचा, फूफा, मामा, मच्छ, साँप | अंधेरा, घनेरा, चचेरा, फूफेरा, ममेरा, मछेरा, सँपेरा |
-औता | काठ | कठौता |
-औड़ा | हाथ | हथौड़ा |
-औटा, औटी | काजर, पहला, बिल्ली, मुख, हिरन, कष, चाम | कजरौटा, पहिलौटा, बिलौटा, मुखौटा, हिरलौटा, कसौटी, चमौटी |
-ओला | आम, खाट, माँझ, साँप | अमोला, खटोला, मँझोटा, सँपोला |
-ओट, ओटा | लिंग, चाम | लंगोट, चमोटा |
ऐल, ऐला | खपरा, गुस्सा, दूध, मूँछ, विष | खपरैल, गुस्सैल, दूधैल, मुँछैल, विषैला |
-क | ठंढ, ढोल, धड़, धम | ठंढक, ढोलक, धड़क, धमक |
-ड़, ड़ा, ड़ी | भूख, लंग, चर्म, टूक, दुख, पीछा, बच्छ, मुख | भुक्कड़, लंगड़, चमड़ा, टुकड़ा, दुखड़ा, पिछड़ा, बछड़ा, मुखड़ा |
-टा | काला, चोर, नंगा, रोम | कलूटा, चोट्टा, लंगटा, रोंगटा |
-का, की | एक, चार, छोटा, बड़ा, कण, लोटा | इक्का, चौका, छुटका, बड़का, कनकी, लुटकी |
-वाल, वाली | केजरी, धारी, प्रयाग, गाड़ी, धन, पढ़ना, बाजा | केजरीवाल, धारीवाल, प्रयागवाल, गाड़ीवाला, धनवाला, बाजावाला |
-वन्त, वन्ती | गुण, धन, बल, रूप, शील, फूल | गुणवन्त, धनवन्त, बलवन्त, रुपवन्त, शीलवन्त, फुलवन्ती |
-ला, ली | ऊपर, धुंध, नीचे, पीछे, लाड़, खाज, टीका, डफ | उपरला, धुंधला, निचला, पिछला, लाड़ला, खुजली, डफली |
-री | कोठा, मोटा | कोठरी, मोटरी |
-पा | अपना, बहिन, बूढ़ा, राँड़ | अपनापा, बहिनापा, पुढ़ापा, रँड़ापा |
-पन | अपना, गँवार, छोटा, पागल, फुर्तीला, बच्चा, बड़ा | अपनापन, गँवारपन, छुटपन, पागलपन, फुर्तीलापन, बचपन, बड़प्पन |
-वा | बच्चा, बेटा, लोटा | बचवा, बेटवा, लोटवा |
-सा | आप, तुम, मुझ, राम | आप-सा, तुम-सा, मुझ-सा, राम-सा |
-वाँ | पाँच, सात, आठ, नव | पाँचवाँ, सातवां, आठवाँ, नवाँ |
तत्मम प्रत्यय – Pratyay In Hindi
प्रत्यय | बोधक, अर्थ | उदाहरण |
आ | स्त्री प्रत्यय, भाववाचक संज्ञा प्रत्यय | आदरणीया, प्रिया, माननीया, सुता, इच्छा, पूजा |
आलु | विशेषण प्रत्यय वाला | कृपालु, दयालु, निद्रालु, श्रद्धालु |
आनी | स्त्री प्रत्यय | देवरानी, भवानी, मेहतरानी |
क | स्वार्थे, समूह | घटक, ठंढक, शतक, सप्तक |
इक | विशेषण व संज्ञा प्रत्यय | दैनिक, वैज्ञानिक, वैदिक, लौकिक |
इमा | भाववाचक संज्ञा प्रत्यय | गरिमा, नीलिमा, मधुरिमा, महिमा |
इत | विशेषण प्रत्यय, युक्त | पल्लवित, पुष्पित, कलित, हर्षित |
ज्ञ | जाननेवाला | अज्ञ, मर्मज्ञ, विज्ञ, सर्वज्ञ |
जीवी | जीनेवाला | परजीवी, बुद्धिजीवी, लघुजीवी, दीर्घजीवी |
ज | जन्मा हुआ | अंडज, जलज, पंकज, पिंडज, देशज, विदेशज |
कार | लिखने या बनाने वाला, वाला | पत्रकार, जानकार |
त्व | भाववाचक संज्ञा प्रत्यय | कृतित्व, ममत्व, महत्व, सतीत्व |
मान् | विशेषण वाचक प्रत्यय | विद्यमान, सेव्यमान, बुद्धिमान |
ता | भाववाचक संज्ञा प्रत्यय | नवीनता, मधुरता, सुन्दरता |
तम | सर्वाधिकता बोधक प्रत्यय | उच्चतम, निकृष्टतम, महत्तम, लघुतम |
तर | तुलना बोधक प्रत्यय | उच्चतर, निम्नतर, सुन्दरतर, श्रेष्ठतर |
तया | क्रियाविशेषण प्रत्यय | मुख्यतया, विशेषतया, सामान्यतया |
तः | क्रियाविशेषण प्रत्यय | अंशतः, वस्तुतः, स्वतः, सामान्यतः |
वान् | वाला | गुणवान, धनवान, बलवान, रुपवान |
तद्भव प्रत्यय – Pratyay In Hindi
प्रत्यय | बोधक, अर्थ | उदाहरण |
आँध | संज्ञा प्रत्यय | बिषाँध, सड़ाँध |
अत | संज्ञा प्रत्यय | खपत, पढ़त, रंगत, लिखत |
अंतू | वाला | रटंतू, घुमंतू |
अंगड़ | वाला | बतंगड़ |
आर, आरा, आरी | करने वाला | कुम्हार, लुहार, चमार, घसियारा, पुजारी, भिखारी |
आप, आपा | भाववाचक प्रत्यय | मिलाप, अपनापा, पुजापा, पुढ़ापा, रँड़ापा |
आलू | करनेवाला | झगड़ालू, दयालू |
आऊ | वाला | खाऊ, टिकाऊ, पंडिताऊ, बिकाऊ |
आई | भाववाचक प्रत्यय | कठिनाई, बुराई, सफाई |
आ | भाववाचक | जोड़ा, फोड़ा, झगड़ा, रगड़ा |
ईला | वाला | चमकीला, पथरीला, शर्मीला, हठीला |
एरा | वाला | कँसेरा, चचेरा, फुफेरा, पहुतेरा, ममेरा, लुटेरा |
ई | वाला, स्त्री प्रत्यय | घमंडी, लालची, ऊनी, सूती, घोड़ी, लड़की, नानी, चाची |
आहट, आहत | भाववाचक प्रत्यय | गड़गड़ाहट, घबराहट, चिल्लाहट, भलमनसाहत |
इया | वाला, लघुत्व बोधक, स्त्री प्रत्यय | कनोजिया, पर्वतिया, भोजपुरिया, चुटिया, चुहिया, डिबिया |
इन | स्त्री प्रत्यय | जुलाहिन, ठकुराइन, तेलिन, पुजारिन |
आस | इच्छावाचक प्रत्यय | झपास, प्यास, लिखास, निकास |
आवट | भाववाचक प्रत्यय | कसावट, बनावट, बिनावट, लिखावट, सजावट |
वाला | कर्तृवाचक, विशेषण | अपनेवाला, ऊपरवाला, खानेवाला, जानेवाला, ताँगेवाला, लालवाला |
त, ता | भाववाचक, कर्मवाचक | चाहत, मिल्लत, आता, खाता, जाता, सोता |
ल, ला ली | विशेषण, अल्पार्थक | अगल, धुँधला, निचला, पिछला, टिकली, डफली, सुपली |
पन | भाववाचक प्रत्यय | छुटपन, बचपन, बड़प्पन, पागलपन |
जा | जन्मा हुआ | भतीजा, भांजा, आत्मजा |
ड़, र | स्वार्थिक | चमड़ा, चमड़ी, बछड़ा, लंगड़ा, लोथड़ा |
औड़ा, औड़ी | लिंगवाचक | पकौड़ा, मुंगौड़ा, सेवड़ा, रेवड़ी |
देशज प्रत्यय – Pratyay In Hindi
प्रत्यय | बोधक, अर्थ | उदाहरण |
आटा | भाववाचक | खर्राटा, फर्राटा |
आक | भाववाचक | चटाक, धड़ाक, धड़ाका, धमाका, फटाक |
अड़ | स्वार्थिक | अंधड़, भुक्खड़ |
अक्कड़ | वाला | घुमक्कड़, पियक्कड़, भुलक्कड़ |
इयल | वाला | अड़ियल, दढ़ियल, सड़ियल |
अंग्रेजी के प्रत्यय
प्रत्यय | बोधक, अर्थ | उदाहरण |
इस्ट | वादी, व्यक्ति | कम्युनिस्ट, बुद्धिस्ट, मार्क्सिस्ट, सोशलिस्ट |
इज्म | वाद, मत | कम्युनिज्म, बुद्धिज्म, सोशलिज्म, मार्क्सिज्म |
विदेशज या विदेशी प्रत्यय (अरवी-फारसी के प्रत्यय) – Pratyay In Hindi
प्रत्यय | बोधक, अर्थ | उदाहरण |
कार | करनेवाला | काश्तकार, दस्तकार, सलाहकार, पेशकार |
इयत | भाववाचक | अंग्रेजियत, असलियत, आदमियत, इसानियत, कैरियत |
आनी | संबंधवाचक | जिस्मानी, बर्फानी, रूहानी |
आना | भाववाचक, विशेषण वाचक | जुर्माना, दस्ताना, मर्दाना, मस्ताना, जनाना |
आ | भाववाचक | सफेदा, खराबा |
गार | करनेवाला | परहेजगार, मददगार, यादगार, रोजगार |
गर, गरी, गिरी | करनेवाला | कारीगर, कीमियागर, यादगार, रोजगार, कुलीगिरी, बाबूगिरी |
खोर | खानेवाला | गमखोर, घूसखोर, रिश्वतखोर, हरामखोर |
चा, ची | वाला | देगचा, बगीचा, इलायची, डोलची, संदूकची, बाबरची |
गी | भाववाचक संज्ञा प्रत्यय | गन्दगी, जिन्दगी, बंदगी |
गाह | स्थानवाचक | ईदगाह, चरागाह, बन्दरगाह |
नाक | वाला | खतरनाक, खौफनाक, दर्दनाक, शर्मनाक |
दार | वाला | ईमानदार, कर्जादार, दुकानदार, मालदार, फौजदार |
दान, दानी | स्थितिवाचक, आधार | इत्रदान, कलमदान, पीकदान, गोंददान, चायदानी |
दाँ | जाननेवाला | उर्दूदाँ, कद्रदाँ, कानूनदाँ |
जाद, जादा, जादी | जन्मा | आदमजाद, हरामजादा, शाहजादा, शाहजादी |
बान | वाला | दरबान, बागबान, मेजबान |
बाज, बाजी | वाला | चालबाज, धोखेबाज, मुकदमेबाज, चालबाजी, धोखबाजी, मुकदमेबाजी |
साज | वाला | घड़ीसाज |
मंद | वाला | अक्लमंद, जरुरतमंद, दौलतमंदॉ |
उपसर्ग और प्रत्यय में क्या अंतर है?
उपसर्ग | प्रत्यय |
उपसर्ग को किसी शब्द के आरम्भ में जोड़ा जाता है | जैसे – ‘शासन’ शब्द के आरम्भ में ‘अनु’ उपसर्ग जोड़ने से ‘अनुशासन’ शब्द बनता है | | प्रत्यय को किसी शब्द के अन्त में जोड़ा जाता है | जैसे – ‘सौभाग्य’ शब्द के अन्त में ‘वती’ प्रत्यय जोड़ने से ‘सौभाग्यवती’ शब्द बनता है | |
प्रत्यय (Suffix) – परिभाषा, अर्थ, भेद, स्पष्टीकरण और उदाहरण- Pratyay in Hindi — अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो आप कृपया करके इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप नीचे दिए गए Comment Box में जरुर लिखे ।
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