इस आर्टिकल में हम रामनरेश त्रिपाठी का जीवन परिचय | Ram Naresh Tripathi ka Jivan Parichay पढेंगे, तो चलिए विस्तार से रामनरेश त्रिपाठी जी का जीवन परिचय| Biography of Ram Naresh Tripathi in Hindi –

रामनरेश त्रिपाठी का जीवन परिचय – (संक्षिप्त परिचय)
नाम | रामनरेश त्रिपाठी |
जन्म | सन् 1889 ई० |
जन्म – स्थान | कोइरीपुर, जौनपुर |
पिता | पं० रामनरेश त्रिपाठी |
माता | कोई साक्ष्य प्रमाण प्राप्त नहीं है। |
मृत्यु | सन् 1962 ई० |
रचनाएँ | वीरांगना, लक्ष्मी (उपन्यास); ‘सुभद्रा’, ‘प्रेमलोक’ (नाटक), तुलसीदास और उनकी कविता’ (आलोचना) आदि |
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के अनुसार- “पं० रामनरेश त्रिपाठी जी मननशील, विद्वान, परिश्रमी, लोकसाहित्य के धनी थे। आपने अपनी रचनाओं में राष्ट्रप्रेम, मानव सेवा, पवित्र प्रेम का नवीन आदर्श उत्पन्न किया है।” उनकी रचनाओं में छायावाद का सूक्ष्म सौन्दर्य तथा आदर्शवाद का मानवीय दृष्टिकोण पूरी तरह घुल-मिल गए हैं।
रामनरेश त्रिपाठी का जीवन परिचय
कविता का आदर्श और सूक्ष्म सौन्दर्य एकसाथ चित्रित करनेवाले कवि श्री रामनरेश त्रिपाठी का जन्म सन् 1889 ई० में जिला जौनपुर के अन्तर्गत कोइरीपुर ग्राम में एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था।
उन्होंने केवल नवीं कक्षा तक ही विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की बाद में स्वतन्त्र रूप से अध्ययन किया तथा साहित्य-सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। उनको केवल हिन्दी ही नहीं, वरन अंग्रेजी, संस्कृत, बंगला और गुजराती का भी अच्छा ज्ञान था। त्रिपाठी जी हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के प्रचार मंत्री भी रहे थे। उन्होंने दक्षिणी राज्यों में हिन्दी के प्रचार का सराहनीय कार्य किया। त्रिपाठी जी मननशील, विद्वान और परिश्रमी थे। साहित्य की विविध विधाओं पर इनका पूर्ण अधिकार था।
माता-पिता
पं० रामनरेश त्रिपाठी के पिता का नाम रामदत्त त्रिपाठी था । माता के सन्दर्भ में कोई साक्ष्य प्रमाण प्राप्त नहीं है।
मृत्यु
साहित्य का सृजन करते-करते सरस्वती का यह पुत्र सन् 1962 ई० में स्वर्गवासी हो गया।
रचनाएँ—
रामनरेश त्रिपाठी जी ने हिन्दी साहित्य की अनन्य सेवा की है। विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करके उन्होंने हिन्दी को ठोस सामग्री प्रदान की है। उनकी रचनाओं का विवरण इस प्रकार है—
‘वीरांगना’, ‘लक्ष्मी’ (उपन्यास); ‘सुभद्रा’, ‘प्रेमलोक’ (नाटक), ‘स्वप्नों के चित्र’ (कहानी-संग्रह); ‘तुलसीदास और उनकी कविता’ (आलोचना), ‘कविता कौमुदी’, ‘शिवा बावनी’ (सम्पादित), ‘बालकथा कहानी’, ‘गुपचुप कहानी’, ‘बुद्धि विनोद, आकाश की बातें’, ‘फूलरानी’ (बाल साहित्य), ‘महात्मा बुद्ध’, ‘अशोक‘ (जीवन-चरित) त्रिपाठी प्रमुख गद्य रचनाएँ है|
आपके काव्य-ग्रन्थों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है-‘मिलन’, ‘पथिक’ ‘स्वप्न’– ये तीनों खण्डकाव्य हैं।’मिलन’ दाम्पत्य प्रेम से, ‘पथिक’ और ‘स्वप्न’ राष्ट्रीयता से ओतप्रोत हैं। इनमें कल्पित पात्रों तथा कथाओं के माध्यम से राष्ट्रप्रेम, त्याग, बलिदान के आदर्शों को स्थापित किया गया है। इनके कथानक कवि की कल्पना-शक्ति तथा मौलिकता के परिचायक है।
‘मानसी‘ उनकी फुटकर रचनाओं का संग्रह है। इसमें देशप्रेम, प्रकृति-वर्णन, मानव-सेवा, बन्धुत्व की मंगलमय और प्रेरणादायी कविताएँ संगृहीत हैं। ‘कविता कौमुदी’ में उनके द्वारा संगृहीत कविताएं हैं। ग्राम्य गीत’ लोकगीतों का संग्रह है | इस प्रकार एक समर्थ कवि, कुशल पत्रकार और सम्पादक तथा सफल निबन्धकार के रूप में त्रिपाठी जी ने हिन्दी-साहित्य की महान सेवा की।
निष्कर्ष,
इस आर्टिकल में हम नेरामनरेश त्रिपाठी का जीवन परिचय (Ram Naresh Tripathi Ka Jivan Parichay), माता-पिता, मृत्यु और रचनाएँ आदि के बारे में जाना। अगर अभी भी आपको कुछ समझ नहीं आया हो तो आप नीचे comment करके अपना सवाल पूछ सकते हो।
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