जानें शब्द रचना के बारे में – Shabd Rachna

आज के इस लेख में हम जानेगें शब्द रचना के बारे में, नीचे Shabd Rachna (शब्द-रचना) की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई है। जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी है।

Shabd Rachna
Shabd Rachna

शब्द रचना के बारे में – Shabd Rachna

वर्ण की परिभाषा

भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि है। इस ध्वनि को ही वर्ण कहते है।

जैसे: अ, आ, इ, प्, क्, र् …….. आदि।

अक्षर की परिभाषा

वह ध्वनि या ध्वनि समूह जिसका उच्चारण एक ही साँस या प्रत्यन्त में होता है अक्षर कहलाता है।

जैसे: क, ख, ग, ट …….. आदि।

शब्द की परिभाषा

एक या एक से अधिक वर्णो से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को अथवा निश्चित अर्थ को प्रकट करने वाले वर्ण समूह को शब्द कहते है।

जैसे: राम, भारत, भूमि …… आदि।

रूढ़ शब्द किसे कहते है?

जिन शब्दों के सार्थक खण्ड न हो सके और जो अन्य शब्दों के मेल से न बने हो उन्हें रूढ़ शब्द कहते है तथा रूढ़ शब्द को मौलिक या अयौगिक शब्द भी कहा जाता है।

जैसे: चावल, शब्द का यदि हम खण्ड करेगे तो चा + वल या चाव + ल तो ये निरर्थक खण्ड होगे।

अन्य उदाहरण: दिन, घर, मुँह, घोंड़ा आदि।

यौगिक शब्द किसे कहते है?

यौगिक का अर्थ है – मेल से बना हुआ। वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने हो, उन्हें यौगिक शब्द कहते है।

जैसे:

  • हिम + आलय = हिमालय
  • वि + ज्ञान = विज्ञान
  • राजा का पुत्र = राजपुत्र
  • विद्या का आलय = विद्यालय आदि।

नोट :- यौगिक शब्दों की रचना तीन प्रकार से होती है –

  1. उपसर्ग से
  2. प्रत्यय से और
  3. समास से

योगरूढ़ शब्द किसे कहते है?

ऐसे शब्द जो दो शब्दों के मेल से तो बने है परन्तु किसी अर्थ विशेष का बोध करवाते है, एक निश्चित अर्थ के लिए प्रयुक्त होते है उन्हें योगरूढ़ शब्द कहते है।

जैसे: पीताम्बर, जलज, लम्बोदर, दशानन, नीलकष्ठ, दशरथ आदि।

पीताम्बर का सामान्य अर्थ है पीला वस्त्र किन्तु यह विशेष अर्थ में श्रीकृष्णा के लिए प्रयुक्त होता है। इसी तरह जलल का सामान्य अर्थ जल में जन्मा किन्तु यह विशेष अर्थ में केवल कमल के लिए प्रयोग हुआ है।

नोट :- बहुव्रीहि समास के सभी उदाहरण योगरूढ़ शब्द के उदाहरण है।

समासरूढ़ शब्द किसे कहते है?

सामासिक शब्दों में भी कुछ शब्दों का अर्थ रूढ़ हो गया है उन्हें समासरूढ़ शब्द कहते है।

जैसे: दशानन, पीताम्बर, नीलकष्ठ षडानन आदि। दशानन का अर्थ दसमुख वाला पर यह केवल रावण के लिए प्रयुक्त है ऐसे ही अन्य उदाहरण भी है।

तत्सम शब्द किसे कहते है?

वो शब्द जो संस्कृत से ज्यों के त्यों हिन्दी में लिए गये हैं उन्हें तत्सम शब्द कहते है।

  • तत्सम का शाब्दिक अर्थ – तत् (संस्कृत) + सम (सामान) अर्थात् जो शब्द संस्कृत के सामान होते है उन्हें तत्सम शब्द कहते है।

जैसे: भूमि, प्रथम राष्ट्र आदि।

तद्भव शब्द किसे कहते है?

संस्कृत से आए शब्दों से उत्पन्न हुए शब्द तद्भव शब्द कहलाते है अर्थात् जिन्हें हिन्दी की प्रकृति के सामान ढाल लिया गया हो उन्हें तद्भव शब्द कहते है।

जैसे: काम, बरस, माँ हाथ आदि।

आगत / विदेशज या विदेशी शब्द किसे कहते है?

विदेशज – (वि + देशज) शब्द का अर्थ है – विदेश में जन्मा तथा आगत शब्द का अर्थ है – आया हुआ अर्थात् जो शब्द किसी दूसरी भाषा से स्वीकार कर लिए गए है उन्हें विदेशी या विदेशज या आगत शब्द कहते है।

जैसे: कैंची, बढ़न, तोप, कागज़ आदि।

नोट:- कुछ तो ज्यों के त्यों ले लिये गए है जैसे – कागल, ऑफिस आदि। तथा कुछ को हिन्दी की प्रकृति के अनुरूप ढाल लिया गया है

जैसे: जमीन, त्रासदी आदि।

देशज/ देशी शब्द

देशज (देश + ज) शब्द का अर्थ है – देश में जन्मा अर्थात् ऐसे शब्द जो क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिस्थिति व आवश्यकतानुसार बनकर प्रचलित हो गए है उन्हें देशज / देशी शब्द कहते है।

जैसे: थैला, गड़बड़, ढ़ँढ़ना, खाट, लोटा, पगड़ी आदि।

संकरशब्द किसे कहते है?

वे शब्द जो दो भाषाओं के मिश्रण से बने हो उन्हें संकर शब्द कहते है।

जैसे:

  • रेलगाड़ी = रेल (अग्रेजी) + गाड़ी (हिन्दी)
  • जाँचकर्ता = जाँच (हिन्दी) + कर्ता (संस्कृत)

तो शब्द रचना (Shabd Rachna) के बारे में जानकारी आपको कैसे लगी नीचे दिए गए Comment Box में जरुर लिखे ।

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