उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर – Upsarg Aur Pratyay Mein Antar

इस लेख में उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर क्या है? बहुत ही सरल भाषा में लिखा गया है जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी है। 

उपसर्ग किसे कहते हैं?

जिसका स्वतंत्र प्रयोग न होता हो और जिसे किसी शब्द से पहले, अर्थ सम्बन्धी विशेषता लाने के लिए जोड़ा जाता है तो उस वर्ण – समूह को उपसर्ग कहते है |

प्रत्यय की परिभाषा? 

जो शब्दांश शब्दों के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देते है वे प्रत्यय कहलाते है |

उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर – Upsarg Aur Pratyay Mein Antar

उपसर्ग:- उपसर्ग उस शब्दांश को कहते है जो किसी शब्द के पहले लगकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करे। उपसर्ग दो शब्दों ‘उप’ तथा ‘सर्ग’ से बनता हैं। ‘उप’ का अर्थ समीप था पास तथा ‘सर्ग’ का अर्थ सृजन करने वाला होता हैं।

उदाहरण:

  1. प्र + हार = प्रहार (इसमे ‘प्र’ उपसर्ग है)
  2. वि + कास = विकास (इसमे ‘वि’ उपसर्ग हैं)

उपसर्गो के प्रयोग से शब्दों की तीन स्थितियां बनती हैं।

  1. शब्द के अर्थ में एक नयी विशेषता आती हैं।
  2. शब्द के अर्थ में प्रतिकूलता उत्पन्न होती हैं।
  3. शब्द के अर्थ में कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता किन्तु उसकी तीव्रता बढ़ जाती हैं।

हिंदी में उपसर्गो की संख्या 41 हैं, जिसमे संस्कृत के 19 उपसर्ग भी शामिल हैं। तथा हिन्दी में संस्कृत, हिंदी और उर्दू के उपसर्ग भी प्रयुक्त होते है।

प्रत्यय:- शब्दों के बाद में जो अक्षर लगाया जाता है, उसे प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय का विकास ‘प्रति+अय’ से हुआ हैं। ‘प्रति’ का अर्थ साथ में तथा ‘अय’ का अर्थ चलने वाला होता है।

प्रत्यय प्रत्यय का अर्थ होता है। शब्दों के साथ में चलने वाला।

उदाहरण:

  1. दया + वान = दयावान (इसमें ‘वान’ प्रत्यय है)

प्रत्यय के दो भेद होते है

  1. कृत प्रत्यय
  2. तद्धित प्रत्यय

1. कृत प्रत्यय:- क्रिया या धातु के अन्त में प्रयुक्त होने वाले प्रत्यय ‘कृत प्रत्यय’ कहते है। तथा इनके संयोग से निर्मित क्रिया या धातु के नवीन रुप को ‘कृदन्त’ कहा जाता है।

उदाहरण:

  1. वाला (कृत – प्रत्यय) + हँसना (क्रिया) = हँसने वाला (शब्द)
  2. अन (कृत – प्रत्यय) + नी (धातु) = नयन (शब्द)

2. तद्धित प्रत्यय: संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण के अन्त में लगने वाले प्रत्यय को ‘तद्धित – प्रत्यय’ कहा जाता है।

उदाहरण:

  1. राष्ट्र + वाद = राष्ट्रवाद
  2. कर्तव्य + निष्ठ = कर्तव्य निष्ठ
उपसर्गप्रत्यय
उपसर्ग’ किसी शब्द के आरम्भ में जोड़ा जाता है। जैसे – शासन शब्द के आरम्भ में ‘अनु’ उपसर्ग जोड़ने पर ‘अनुशासन’ शब्द बनता है।प्रत्यय’ किसी शब्द के अंत में जोड़ा जाता है। जैसे – सौभाग्य शब्द के अन्त में ‘वती’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘सौभाग्यवती’ शब्द बनता है।

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