दोस्तों अगर आप उपसर्ग (Upsarg in Hindi) के बारे में जानना अथवा समझना चाहते हो तो आपको उपसर्ग के बारे में जानने से पहले उसके ‘शब्द-रचना’ के बारे में जानना अति आवश्यक है | अत: हमने यहाँ आपकी सहायता के लिए ‘शब्द-रचना’ की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की है।

इस लिए पहले आप शब्द-रचना का अध्ययन करे | ताकि आपको उपसर्ग और प्रत्यय के बारे में जानकारी प्राप्त करने में कोई कठिनाई का सामना न करना पड़े तथा आपको उपसर्ग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी अत्यन्त सरल शब्दों में आसानी से प्राप्त हो सके। Upsarg in Hindi. उपसर्ग किसे कहते हैं? या Upsarg Kise Kahate Hain?
- उपसर्ग Meaning in English – Prefix
शब्द-रचना (Word-Formation)
- वर्णों के सार्थक समूह को ‘शब्द‘ कहते है |
- व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के तीन भेद होते है |
- रुढ़
- यौगिक
- योगरुढ़
मूलतः शब्द के दो ही भेद होते है — रुढ़ और यौगिक | योगरुढ़ अर्थ की ददृष्टि से यौगिक और योगरुढ़ समान होते है |
- रुढ़ के हम खण्ड नही कर सकते है अत: रचना में यौगिक ही रह जाते है जिनसे हम शब्द – रचना कर सकते है |
- यौगिक शब्दों की रचना तीन प्रकार ही होती है – उपसर्ग से, प्रत्यय से और समास से |
उपसर्ग से :— अति + अंत = अत्यंत [अति-उपसर्ग, अंत-मूलशब्द/धातु, अत्यंत-यौगिक शब्द ]
प्रत्यय से :— लेन + दार = लेनदार [लेन-मूल शब्द, दार-प्रत्यय, लेनदार-यौगिक शब्द]
समास से :— प्रति + दिन = प्रतिदिन [प्रति-शब्द, दिन-शब्द, प्रतिदिन-यौगिक शब्द]
- कभी – कभी एक ही मूल शब्द में उपसर्ग एवं प्रत्यय दोनों का प्रयोग होता है|
उदाहरण :— स्व + तंत्र + ता = स्वतंत्रता [स्व-उपसर्ग, तंत्र-मूल शब्द, ता-प्रत्यय]
- कभी – कभी दो प्रत्ययो का एक साथ प्रयोग किया जाता है |
उदाहरण :— समझ + दार + ई = समझदारी [समझ-मूल शब्द, दार-प्रत्यय, ई-प्रत्यय]
उपसर्ग (Prefixes) | Upsarg In Hindi | उपसर्ग की परिभाषा, अर्थ, भेद, स्पष्टीकरण और उदाहरण
उपसर्ग की परिभाषा: जो शब्दांश शब्दों के आदि में / पहले / शुरुआत में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते है वे उपसर्ग कहलाते है |
—:अथवा:—
उपसर्ग किसे कहते हैं? / Upsarg Kise Kahate Hain?
जिसका स्वतंत्र प्रयोग न होता हो और जिसे किसी शब्द से पहले, अर्थ सम्बन्धी विशेषता लाने के लिए जोड़ा जाता है तो उस वर्ण – समूह को उपसर्ग कहते है |
उपसर्ग का अर्थ —
उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना / निर्माण करना ) |
‘उप’ का अर्थ होता है ‘समीप’ और ‘सर्ग’ का अर्थ होता है ‘सृष्टि करना’ | अर्थात् किसी शब्द के समीप आकर नया शब्द बनाना |
उपसर्ग का उदाहरण — Upsarg examples in hindi
‘हार’ शब्द का अर्थ है ‘पराजय‘ | परन्तु इसी शब्द के आगे ‘प्र’ शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा — ‘प्रहार’ (प्र+हार) जिसका अर्थ है चोट करना | इसी तरह ‘आ’ जोड़ने से ‘आहार’ (भोजन), सम् जोड़ने से ‘संहार’ (विनाश) तथा ‘वि’ जोड़ने से ‘विहार’ (घूमाना) इत्यादि शब्द बन जायेगे |
स्पष्टीकरण — उपर्युक्त उदाहरण में ‘प्र’, ‘आ’, ‘सम्’ और ‘वि’ का अलग से कोई अर्थ नही है, परन्तु ‘हार’ शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होने परिवर्तन कर दिया है | इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश है और ऐसे शब्दांशो को ‘उपसर्ग‘ कहते है |
उपसर्ग का महत्त्व — उपसर्गो का विशेष महत्त्व यह है कि इनकी सहायता से अनेक प्रकार के शब्द एवं रूप बनते है |
उपसर्ग के भेद अथवा प्रकार — Upsarg Kitne Prakar Ke Hote Hain?
हिंदी में प्रचलित उपसर्गो को निम्नलिखित भागो में विभाजित किया जा सकता है —
- संस्कृत के उपसर्ग
- हिन्दी के उपसर्ग
- उर्दू और फारसी के उपसर्ग
- अग्रेजी के उपसर्ग
- उपसर्ग के सामान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय |
(1)संस्कृत के उपसर्ग — upsarg in sanskrit
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण / नवीन शब्द |
अति | ऊपर, अधिक, उस पर | अत्यधिक, अतिरिक्त, अतिशय, अत्याचार आदि | |
अधि | ऊपर, श्रेष्ठ, प्रधान | अधिकार, अधिपति, अधिनायक, अध्यक्ष आदि | |
अनु | पीछे, समान, प्रत्येक | अनुसर, अनुकरण, अनुसार, अनुशासन आदि | |
अप | बुरा, हीन, दूर, विरोध | अपयश, अपमान, अपकार, अपशब्द आदि | |
अभि | सामने, चारो और, निकट | अभियान, अभिषेक, अभिनय, अभिमुख आदि | |
अव | हीन, नीच | अवगुण, अवनति, अवतार, अवतरण आदि | |
आ | तक, समेत, सीमा | आजीवन, आगमन, आरक्षण, आक्रमण आदि | |
उत् | ऊँचा, श्रेष्ठ, ऊपर | उत्कर्ष, उत्तम, उत्पत्ति आदि | |
उद् | ऊपर, उत्कर्ष | उद्मन, उद्भव आदि | |
उप | निकट, सदृश, गौण | उपदेश, उपवन, उपमंत्री, उपहार आदि | |
दूर् | बुरा, कठिन | दुर्जन, दुर्गम, दुर्दशा, दुराचार आदि | |
दुस् | बुरा, कठिन | दुश्चरित्र, दुस्साहस, दुष्कर आदि | |
निर् | बिना, बाहर, निषेध | निर्पराध, निर्जन, निराकार, निर्गुण आदि | |
निस् | रहित, पूरा, विपरीत | निस्सार, निस्तार, निश्चल, निश्चित आदि | |
नि | निषेध, अधिकता, नीचे | निवारण, निपात, नियोग, निषेध आदि | |
परा | उल्टा, पीछे | पराजय, पराभव, परामर्श, पराक्रम आदि | |
परि | आसपास, चारो ओर, पूर्ण | परिजन, परिक्रम, परिपूर्ण, परिमाप, परिमाण आदि | |
प्र | आगे, अधिक | प्रख्यात, प्रबल, प्रस्थान, प्रकृति आदि | |
प्रति | उल्टा, सामने, हर एक | प्रतिकूल प्रत्यक्ष, प्रतिक्षण, प्रत्येक आदि | |
वि | भिन्न, विशेष | विदेश, विलाप, वियोग, विपक्ष आदि | |
सम् | उत्तम, साथ, पूर्ण | संस्कार, संगम, संतुष्ट, संभव आदि | |
सु | अच्छा, अधिक | सुजन, सुगम, सुशिक्षित सुपाल आदि | |
(2) हिन्दी के उपसर्ग — Upsarg in Hindi
उपसर्ग | अर्थ | उदाहारण / नवीन शब्द |
अ | विरोध, अभाव, निषेध | अछूता, अथाह, अटल आदि | |
अन | अभाव, निषेध | अनमोल, अनवन, अनपढ़ आदि | |
क | बुरा, हीन | कपोत, कचोट आदि | |
कु | बुरा | कुचाल, कुचैला, कुचक्र आदि | |
दु | कम, बुरा | दुबला, दुलारा, दुधारू आदि | |
नि | कभी | निगोड़ा, निडर, निहत्था, निकम्मा आदि | |
औ / अव | हीन, निषेध | औगुन, औघर, अवसर अवसान आदि | |
भर | पूरा | भरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार आदि | |
सु | अच्छा | सुडौल, सुजान, सुघड़, सुफल आदि | |
अध | आधा | अधपका, अधकच्चा, अधमरा, अधकचरा आदि | |
उन | एक कम | उनतीस, उनचालीस, उनसठ उनहत्तर आदि | |
पर | दूसरा, बाद का | परलोक, परोपकार, परसर्ग, परहित आदि | |
बिन | बिना, निषेध | बिनव्याहा, बिनबादल, बिनपाए, बिनजाने आदि | |
(3) अरबी – फारसी (विदेशी भाषा) से आगत उपसर्ग —
उपसर्ग | अर्थ | उदाहारण / नवीन शब्द |
अल | निश्चित | अलबत्ता, अलगरज आदि | |
कम | थोड़ा, हीन | कमजोर, कमबख्त, कमअक्ल आदि | |
खुश | अच्छा | खुशनशीब, खुशखबरी, खुशहाल, खुशबू आदि | |
गैर | निषेध | गैरहाजिर, गैरकानूनी, गैरमुल्क, गैरजिम्मेदार आदि | |
दर | में | दरअसल, दरहकीकत आदि | |
ना | अभाव | नापसन्द , नासमझ, नाराज, नालायक आदि | |
फिल / फी | में, प्रति | फिलहाल, फ़ीआदमी आदि | |
ब | और, अनुसार | बनाम, बदौलत, बदस्तूर, बगैर आदि | |
बा | सहित | बाकायदा, बाइज्जत, बाअदब, बामौका आदि | |
बद | बुरा | बदमाश, बदनाम, बदकिस्मत, बदबू आदि | |
बर | पर, ऊपर, बाहर | बरदाश्त, बरखास्त आदि | |
बे | बिना | बेईमान, बेइज्जत, बेचारा, बेवकूफ आदि | |
बिल | के साथ | बिलआखिर, बिलकुल, बिलवजह आदि | |
बिला | बिना | बिलावजह, बिलाशक आदि | |
ला | रहित | लाचार, लापरवाह, लावारिस, लाजवाब आदि | |
सर | मुख्य | सरताज, सरदार, सरपंच, सरकार आदि | |
हम | समान, साथवाला | हमदर्दी, हमराह, हमउम्र, हमदम आदि | |
हर | प्रत्येक | हरदिन, हरसाल, हरएक, हरबार आदि | |
(4) अंग्रेजी के उपसर्ग —
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण / नवीन शब्द |
सब | अधीन, नीचे | सब – जज, सब – कमेटी, सब – इंस्पेक्टर आदि | |
डिप्टी | सहायक | डिप्टी – कलेक्टर, डिप्टी – रजिस्ट्रार, डिप्टी – मिनिस्टर आदि | |
वाइस | सहायक | वाइसराय, वाइस – चांसलर, वाइस – प्रेसीडेंट आदि | |
जनरल | प्रधान | जनरल – मैनेजर, जनरल – सेक्रेटरी आदि | |
चीफ | प्रमुख | चीफ – मिनिस्टर, चीफ – इंजीनियर, चीफ – सक्रेटरी आदि | |
हेड | मुख्य | हेडमास्टर, हेड क्लार्क आदि | |
(5) उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय —
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण / नवीन शब्द |
अध: | नीचे | अध:पतन, अधोपति, अधोमुखी आधोलिखित आदि | |
अंत: | भीतरी | अंत:करण, अंत:पुर, अंतर्मन, अंतदेर्शीय आदि | |
अ | अभाव | अशोक, अकाल, अनीति आदि | |
चिर | बहुत देर | चिरंजीवी, चिरकुमार, चिरकाल, चिरायु आदि | |
पुनर् | फिर | पुनर्जन्म पुनलेखन, पुनर्जीवन आदि | |
बहिर् | बाहर | बहिर्गमन, बहिर्जगत् आदि | |
सत् | सच्चा | सज्जन, सत्कर्म, सदाचार, सत्कार्य आदि | |
पुरा | पुरातन | पुरातत्व, पुरावृत्त आदि | |
सम | समान | समकालीन, समदर्शी, समकोण, समकालीन आदि | |
सह | साथ | सहकार, सहपाठी, सहयोगी, सहचर आदि | |
उपसर्ग और प्रत्यय में अन्तर – Upsarg Aur Pratyay Mein Antar
उपसर्ग | प्रत्यय |
उपसर्ग को किसी शब्द के आरम्भ में जोड़ा जाता है | जैसे – ‘शासन’ शब्द के आरम्भ में ‘अनु’ उपसर्ग जोड़ने से ‘अनुशासन’ शब्द बनता है | | प्रत्यय को किसी शब्द के अन्त में जोड़ा जाता है | जैसे – ‘सौभाग्य’ शब्द के अन्त में ‘वती’ प्रत्यय जोड़ने से ‘सौभाग्यवती’ शब्द बनता है | |
- उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर – Upsarg Aur Pratyay Mein Antra
- प्रत्यय – परिभाषा, अर्थ, भेद, स्पष्टीकरण और उदाहरण- Pratyay In Hindi
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