जीवनी और आत्मकथा में अंतर – Jivani Aur Aatmkatha Mein Antar

Posted on

इस आर्टिकल में हम जीवनी और आत्मकथा में अंतर बतायेगे और साथ में आपको जीवनी किसे कहते हैं?, आत्मकथा किसे कहते हैं? इसके बारे में भी बतायेगे | तो चलिए विस्तार से पढ़ते हैं जीवनी और आत्मकथा में अंतर, जीवनी और आत्मकथा की परिभाषा। Jivani Aur Aatmkatha Mein Antar.

जीवनी किसे कहते हैं?

जब कोई लेखक किसी व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक की घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से इस प्रकार चित्रित करता है कि उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व स्पष्ट हो उठे तो उसे जीवनी या बायोग्राफी कहते है | जीवनी का अंग्रेजी अर्थ Biography है |

आत्मकथा किसे कहते हैं?

गद्य रचना में लेखक स्वयं अपने जीवन की स्मरणीय घटनाओँ का क्रमबद्ध वर्णन एवं विश्लेषण करता है, उसे आत्मकथा कहते हैं।

जीवनी और आत्मकथा में अंतर – Jivani Aur Aatmkatha Mein Antar

क्रमांकजीवनी (Biography)आत्मकथा (Autobiography)
1.आत्मकथा व्यक्ति स्वयं लिखता है |जीवनी किसी दूसरे के द्वारा लिखी जाती है |
2.आत्मकथा जीवन में ही लिखी जाती है |जीवनी किसी व्यक्ति के मरने के बाद लिखी जाती है |
3.आत्मकथा में लेखक द्वारा अपनी कमियों को छुपा दिया जाता है |जीवनी में कमियों को उजागर करके लिखा जाता है |
4.आत्मकथा संस्मरणात्मक शैली में लिखी जाती है |जीवनी वर्णनात्मक शैली में लिखी जाती है |
5.आत्मकथा में प्रमाणिकता की आवश्यकता होती है |जीवनी प्रमाणिकता हो भी सकती है और नहीं भी |
6.सामग्री मस्तिष्क में विद्यमान रहती है |सामग्री विभिन्न स्त्रोतों व शोध माध्यम से एकत्र की जाती है |
7.आत्मकथा गुण व दोषों के साथ प्रस्तुत की रचना होती है |जीवनी तटस्थ भाव से प्रस्तु की गई रचना होती है |
8.आत्मकथा आत्मनिष्ठ होती है |जीवनी वस्तुनिष्ठ होती है |

जीवनी और आत्मकथा में अंतर (Jivani Aur Aatmkatha Mein Antar) क्या होता है अब आप सभी लोग जान चुके होगे। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

Tags:

Hindi / hindi grammar

Leave a Comment