क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन और मेजर ध्यानचंद की कहानी

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क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन और मेजर ध्यानचंद की कहानी – Story of Cricketer Don Bradman and Major Dhyan Chand in Hindi

मेजर ध्यानचंद ने अपनी करिश्माई हॉकी से जर्मन तानाशाह हिटलर को ही नहीं बल्कि “महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन को भी अपना दीवाना बना दिया था। क्रिकेट की दुनिया में इतिहास रचने वाले डॉन ब्रेडमैन को एक बेहतरीन क्रिकेटर माना जाता है। यह भी संयोग है कि खेल जगत की इन दोनो महान हस्तियों का जन्म दो दिन के अन्तराल पर पड़ता है।दुनिया ने 27 अगस्त को ब्रेडमैन की जन्मशती मनाई तो 29 अगस्त को वह मेजर ध्यानचंद जी को नमन करने के लिए तैयार है, जिसे भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

ब्रेडमैन हॉकी के जादूगर से उम्र में तीन वर्ष छोटे थे। अपने-2 खेल में माहिर थे दोनों खेल हस्तियों केवल एक बार एक-दूसरे से मिले थे। लेकिन ध्यानचन्द जैसे करिश्माई हाकी खिलाड़ी से मिलने के बाद ब्रेडमैन उनके दीवाने हो गए थे। जब सन् 1935 ई. मे जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड के दौरे पर गई थी। तब भारतीय टीम एक मैच के लिए एडिलैड में था और ब्रैडमैन भी वहाँ मैच खेलने लिए आये थे । ब्रेडमैन और ध्यानचन्द दोनो तब एक-दूसरे से मिले थे ब्रैडमैन ने तब हॉकी के जादूगर का खेल देखने के बाद कहा कि वे इस तरह से गोल करते है जैसे क्रिकेट मे रन बनते है।

ध्यानचन्द जी का खेल देखने के बाद यह प्रश्न करने से स्वयं को रोक नहीं पाए कि ध्यानचन्द जी गोल करते हैं कि क्रिकेट मे रन बनाते है ? भला इतनी तेज और रफ्तार और सटीकता से कोई इतना बेहतरीन किस प्रकार खेल सकता है। यही नही डॉन ब्रैडमैन को बाद में जब पता चला कि ध्यानचन्द ने इस दौरे में 48 मैच में फुल 201 गोल दागे। तो उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा था कि “यह किसी हाॅकी खिलाड़ी ने बनाए या बल्लेबाज ने

यह बात तो सच है कि जो कोई भी मेजर ध्यानचन्द जी को खेलते हुए देखता था, वह मन्त्रमुग्ध हो जाता था।पूरी दुनिया मेजर ध्यानचंद के खेलने के तरीके की दीवानी थी यही कारण कि डॉन ब्रेडमैन भी मेजर ध्यानचन्द जी के कायल हो गए।

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