Answer: उपबोली का क्षेत्र बोली की अपेक्षा संकुचित होता है। डॉ. भोलानाथ तिवारी ने इसे स्थानीय बोली भी कहा है। एक बोली में कई – कई उपबोलियाँ होती हैं। ये भेद दिशाओं के आधार पर (जैसे – उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी) या क्षेत्र के नाम के आधार पर होते हैं।जैसे – अवधी की उपबोली में बैसवाड़ी का नाम है। उपबोलियों का भेद मूलतः उच्चारण पद्धति पर आधारित होता है। इसमें कुछ स्थानीय मुहावरे अव्यय आदि मिलकर भी उसकी एक पहचान बनाते हैं। बोलियों का क्षेत्र कई – कई जिलों में फैला होता है। जबकि उपबोली एकाध जिले को या उसके भी किसी सिमित क्षेत्र को बनाकर पनपती हैं।