भारत में कृषि (रबी, खरीफ और जायद की फसल) के बारे में

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भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा कृषि की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका है। भारतीय कृषि की प्रमुख विशेषता यह है कि यह देश की लगभग आधी जनसंख्या का भरण – पोषण करती है तथा कृषि आधारित उद्योगों को कच्चा – माल उपलब्ध कराती है जिनका राष्ट्रीय आय में महत्वपूर्ण योगदान होता है। भारतीय कृषि मानसून पर आधारित होती है इसे ‘मानसून का जुआ’ भी कहा जाता है।

भारत में कृषि के प्रकार

ऋतुओ के आधार पर भारतीय कृषि को तीन वर्गों रबी, खरीफ और जायद की फसल में बांटा गया है —

रबी की फसल

  • रबी की फसलों में प्रमुख रूप से निम्नलिखित गेहूँ, जौ, चना, मसूर,सरसों,बरसीम, मटर, अलसी, राई, आदि फसल शामिल है।
  • रबी की फसल की कटाई मार्च – अप्रैल के आस-पास होती है।
  • रबी की फसल अक्टूबर – नवम्बर में बोई जाती है।
  • रबी की फसलों की बोआई के समय कम तापमान तथा पकते समय शुष्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है।
  • रबी की फसले C4 श्रेणी में आती है

खरीफ की फसल

  • खरीफ की फसलों में प्रमुख रूप से निम्नलिखित धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, मूँगफली, मूँग, गन्ना, तंबाकू, कपास, जूट, उड़द, सोयाबीन, चावल, लोबिया, रागी, अरहर आदि फसल शामिल है।
  • उत्तर भारत में खरीफ की फसल जून-जुलाई में बोई जाती है।
  • खरीफ की फसल अक्टूबर – नवम्बर के आस-पास काटी जाती है।
  • खरीफ की फसलों की बुआई के समय अधिक तापमान तथा अधिक आर्द्रता की आवश्यकता होती है।
  • खरीफ की फैसले C3 श्रेणी में आती हैं

जायद की फसल

  • जायद की फसलों में प्रमुख रूप से निम्नलिखित फसल शामिल है: तरबूज, ककड़ी, खीरा, करेला, खरबूजा आदि।
  • जायद की फसल की बुआई मार्च – अप्रैल की जाती है
  • जायद की फसल जून में काट लिया जाता है।
  • जायद की फसल को हम अंग्रेजी में Zaid crop कहते है।

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