आचार संहिता क्या है और इससे क्या होता है?

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दोस्तो आज हम जानेंगे आचार संहिता क्या है, चुनाव आचार संहिता (आदर्श आचार संहिता/आचार संहिता) का मतलब है| बहुत ही सरल और सुव्यवस्थित हिन्दी भाषा में | चुनाव आयोग के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकता है, उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उम्मीदवार के ख़िलाफ़ FIR दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

आचार संहिता क्या है

आचार संहिता क्या है | Aachar Sanhita kya hai

सबसे पहले आचार संहिता का सीधे शब्दों में अर्थ क्या है ये समझ लीजिए, राज्यों में चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही वहां चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती हैं। चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही प्रदेश सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं। सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं।

वे आयोग के तहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करते हैं। इसलिए आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम में सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग गए हैं। सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन गए हैं। वे आयोग के तहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करेंगे। और सरकार से इस बीच उनका कोई लेना देना नही रहेगा।

आचार संहिता के तहत मुख्यमंत्री या मंत्री अब न तो कोई घोषणा कर सकते है, न शिलान्यास, न लोकार्पण या न भूमिपूजन कर सकते हैं। सरकारी खर्च से कोई आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। राजनीतिक दलों के आचरण और क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है। चलिए अब जान लेते हैं कि आचार संहिता के तहत क्या – क्या हो सकता है और क्या नही

आचार संहिता के नियम कानून

  • आचार संहिता में ध्यान रखा जाता है कि कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले। साम्प्रदयिक संबंध में कोई भी मामला दलों के लिए मुश्किल में डालने वाला हो सकता है।
  • किन्ही भी धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
  • आचार संहिता के तहत राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न कि व्यक्तिगत। व्यक्तिगत आलोचना को आचार संहिता के विरूद्ध माना जाता है।
  • मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना, उन्हें धमकाना आदि।
  • राजनीतिक दल किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग नही कर सकते।
  • कोई भी राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों।
  • आचार सहिंता में कोई दल किसी अन्य दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें। ऐसा करना आचार संहिता के खिलाफ (Against) माना जाता है।

राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम :-

  • सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना व जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी जानी चाहिए।
  • दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहॉं निषेधाज्ञा (Prohibitory Order) तो लागू नहीं है।
  • सभा स्थल में लाउडस्पीकर (Loudspeaker) के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त की जानी चाहिए।
  • सभा के आयोजक में विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें।

जुलूस संबंधी नियम :-

  • आचार संहिता लागू होने पर जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को देना ज़रूरी है।
  • जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो। कोई भी राजनीतिक पार्टी अपने फायदे के लिए लोगो का नुकसान नही कर सकती।
  • राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें।
  • जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके। जैसे शराब या अन्य कोई नशा आदि।

सत्ताधारी दल के लिए नियम

  • कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें।
  • मंत्री सरकारी दौरों को चुनाव प्रचार के कार्य न करें।
  • इस काम में सरकारी मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें।

मतदान के दिन संबंधी नियम

  • अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दिए जाने चाहिए।
  • मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें Party Symbol, किसी Candidate का दल का नाम न हो।
  • मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।
  • मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं।
  • सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।
  • हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं।
  • विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो।
  • सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।
  • कैबिनेट की बैठक नहीं करेंगे।
  • स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन जरूरी होता है।

लाउडस्पीकर से संबंधित नियम

चुनाव की घोषणा हो जाने से परिणामों की घोषणा तक सभाओं और वाहनों में लगने वाले लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में सुबह 6 से रात 11 बजे तक और शहरी क्षेत्र में सुबह 6 से रात 10 बजे तक इनके उपयोग की अनुमति होगी।

ये काम नहीं करेंगे मुख्यमंत्री-मंत्री

  • शासकीय दौरा (अपवाद को छोड़कर)
  • विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति
  • परियोजना या योजना की आधारशिला
  • सड़क निर्माण या पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन

अधिकारियों के लिए नियम

  • शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।
  • मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे।
  • जिनकी Duty लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।
  • राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे।

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