प्रदूषण की समस्या पर निबंध | Pollution Problem Essay in Hindi

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नमस्ते दोस्तों आज के इस पोस्ट में प्रदूषण की समस्या पर निबंध (Pollution Problem Essay in Hindi) कैसे लिखा जाता है इसके बारे में जानेगें। यदि परीक्षा में नीचे दिए सम्भावित शीर्षको में से किसी पर भी निबंध लिखना हो तब भी नीचे लिखा हुआ निबंध लिख सकते हैं।

‘प्रदूषण की समस्या’ से मिलते जुलते शीर्षक इस प्रकार हैं-

  • पर्यावरण प्रदूषण समस्या और समाधान
  • प्रदूषण की समस्या एवं समाधान
  • प्रदूषण की समस्या कारण और निवारण
  • पर्यावरण प्रदूषण और निराकरण के उपाय
  • सामाजिक वनिकी और पर्यावरण
  • पर्यावरण प्रदूषण
  • धरती की रक्षा पर्यावरण सुरक्षा
  • पर्यावरण संरक्षण का महत्व
  • पर्यावरण को शुद्ध करने में विज्ञान की उपयोगिता
  • असंतुलित पर्यावरण प्राकृतिक आपदाओं का कारण
  • पर्यावरण सुरक्षा की महत्वा
  • पर्यावरण की समस्या एवं समाधान
  • पर्यावरण प्रदूषण रोकने के उपाय
  • वृक्षारोपण की उपयोगिता
  • बढ़ता प्रदूषण और उसके कारण
  • बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण
  • प्रदूषण के दुष्परिणाम
  • औद्योगिक प्रदूषण समस्या और समाधान
  • पर्यावरण की उपयोगिता
  • पर्यावरण और मानव
प्रदूषण की समस्या पर निबंध, Pollution Problem Essay in Hindi

प्रदूषण की समस्या पर निबंध | Pollution Problem Essay in Hindi

रुपरेखा

  1. प्रस्तावना
  2. प्रदूषण से तात्पर्य अथवा प्रदूषण का अर्थ
  3. प्रदूषण के प्रकार
    • वायु प्रदूषण
    • जल प्रदूषण
    • ध्वनि प्रदूषण
    • रासायनिक प्रदूषण
  4. प्रदूषण नियंत्रण के उपाय
  5. उपसंहार

“आज हमारा वायुमंडल अत्यधिक दूषित हो चुका है जिसकी वजह से मानव का जीवन खतरे में आ गया है। आज यूरोप के कई देशों में प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है जिसके कारण वहाँ कभी-कभी अम्ल मिश्रित वर्षा होती है। ओस की बूँदों में भी अम्ल मिला रहता है। यदि समय रहते हुए हमने इस तरह ध्यान नहीं दिया तो एक दिन विश्व में संकट छा जाएगा।” — ‘खनन भारती’ से उदधृत

1. प्रस्तावना

प्रदूषण के विभिन्न प्रकारों में पर्यावरणीय प्रदूषण एक गम्भीर समस्या है। यह भारत की ही नहीं पूरे विश्व की समस्या है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रयास किया जा रहे हैं। कहा जाता है कि स्वच्छता ईश्वर का ही दूसरा नाम है। प्रकृति का भी यही सिद्धांत है कि स्वास्थ्य केवल स्वच्छता के आधार पर ही टिक सकता है। गंदगी अपने साथ रोग व दोष का अभिशाप लाती है। दु:ख की बात तो यह है कि स्वच्छता का सत्रु प्रदूषण आज पृथ्वी, वायु और आकाश सभी को अपनी चपेट में ले चुका है। सम्पूर्ण मानव जाति के अस्तित्व को समाप्त कर सकने में सक्षम इस वैश्विक समस्या पर अब समस्त विश्व समुदाय एकजुट है और इसके निवारण के उपायों की खोज में जुटा है। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण प्रदूषण से विश्व का पर्यावरण तो प्रदूषित हो ही रहा है, साथ ही इसे दुष्परिणामस्वरूप कई विभिन्न प्रकार की जटिल समस्याएँ भी उत्पन्न हो रही हैं।

2. प्रदूषण से तात्पर्य अथवा प्रदूषण का अर्थ

प्रकृति के किसी भी घर का अस्वच्छता के कारण दूषित हो जाना प्रदूषण कहलाता है। जिस प्रातकालीन सुखद वायु के गुण कवि और विद्वान प्राय: गाते आए है। आज उस स्वच्छद वायु का भी का कहीं भी कोई अता-पता नहीं मिलता। जिस अन्न (अनाज) को ब्रह्म कहकर प्रतिष्ठा (पूजा) की जाती थी आज प्रदूषित खाद व पानी ने उसे विषतुल्य बना दिया है। कान के नाजुक परदे ध्वनि प्रदूषण के कारण मानो फटने के कगार पर आ गये है। सुरीली तानों के प्रति उनकी संवेदना को ट्रैफिक के शोर ने समाप्त कर डाला है।

3. प्रदूषण के प्रकार

आज भारत व विश्व के प्रत्येक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के प्रदूषण विद्यमान हैं। जिनमें से कुछ प्रमुख प्रदूषण जैसे- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और रासायनिक प्रदूषण आदि हैं जिसका वितरण निम्नलिखित इस प्रकार है—

(i) वायु प्रदूषण— वाहनों व कारखानों से निरंतर निकलने वाले धुएँ के कारण आज वायु में कार्बन डाइऑक्साइड व अन्य जहरीली गैसों की मात्रा बहुत अधिक बढ़ चुकी है। जिससे व्यक्ति सही व स्वस्थ ढंग से साँस नहीं ले पाता है। परिणामत: उसे फेफड़ों व श्वसन सम्बन्धी विविध प्रकार के रोग हो जाते हैं।

(ii) जल प्रदूषण— बढ़ती जनसंख्या के द्वारा फेंके गए कूड़ा-करकट से नदियों का जल निरंतर दूषित हो रहा है। जिसके फलस्वरुप स्वच्छ पीने योग्य जल का निरंतर अभाव होता जा रहा है। प्रदूषण जल के उपयोग से विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ जैसे- हैजा, टाइफाइड, आंत्रशोध आदि रोग फैलते है। तथा स्वच्छ व साफ पानी का संकट निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है।

(iii) ध्वनि प्रदूषण— आज के युग में वाहनों की संख्या बहुत तीव्र गति से बढ़ रही है। तेज बजते हॉर्नो और शोर मचाते विज्ञापनों से ध्वनि प्रदूषण तीव्र होता जा रहा है। फलस्वरूप व्यक्तियों में विविध प्रकार के रोग जैसे:- बहरापन, उच्च रक्तचाप, हृदयाघाट आदि निरन्तर बढ़ रहे है। शोर की तीव्रता से झुँझलाहट एवं चिड़चिड़ापन में भी तीव्र गति से वृद्धि हुई है।

(iv) रासायनिक प्रदूषण— मनुष्य की बढ़ती आवश्यकताओं के कारण आज किसान फसलों को शीघ्रता से उगाने के लिए अनेक रसायनों का प्रयोग कर छिड़काव करते हैं। तथा फसलों को कीड़ों – मकोड़ों से बचने के लिए भी अधिक मात्रा में कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है। इस कारण से रासायनिक प्रदूषण तीव्र गति से फैल रहा है।

4. प्रदूषण नियंत्रण के उपाय

नि:संदेह प्रदूषण मनुष्यों पर ही नहीं, वरन विश्व के समस्त प्राणियों पर दुष्टप्रभाव डाल रहा है। प्रदूषण को फैलाने में यदि मनुष्य सबसे आगे है, तो इसकी रोकथाम के प्रयास भी उसे ही करने होंगे। सर्वप्रथम घरेलू गंदगी को इधर-उधर फैलाने की आदत पर रोकथाम लगानी होगी। क्योंकि प्रदूषण फैलाने में इसकी मुख्य भूमिका है। वाहनों को धुआं मुक्त बनाने के लिए उन्हें नियमित रूप से मैकेनिक से जाँच करवाने के लिए ले जाना चाहिए, ताकि यदि उसमें कोई मशीनी गड़बड़ी हो तो उसे सुधरवाया जा सके। संगीत के उपकरणों की आवाज धीमी रखनी चाहिए ताकि शोर आदि न फैले।

हरे – भरे वृक्ष लगाकर भी वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखा जा सकता है। हवन – यज्ञ आदि से भी वायु प्रदूषण दूर होता है। यदि हम चाहते हैं कि प्रदूषण कम हो एवं पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ संतुलित विकास भी हो, तो इसके लिए हमें नवीन प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना होगा। प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा तभी सम्भव है, जब हम इसका उचित प्रयोग करें। हमें अपने पूर्व राष्ट्रपति श्री एपीजे अब्दुल कलाम जी के इस कथन से सीख लेने की आवश्यकता है, “हम सबको विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के माध्यम से पानी, ऊर्जा, निवास स्थान कचरा प्रबंधन तथा पर्यावरण के क्षेत्रों में पृथ्वी द्वारा झेली जाने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए कार्य करने चाहिए।

5. उपसंहार

वस्तुतः प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है, जिससे निपटना वैश्विक स्टार पर ही सम्भव है, किन्तु इसके लिए स्थानीय स्तर पर भी प्रयास किये जाने चाहिए। विकास एवं पर्यावरण एक – दूसरे के विरोधी नहीं है बल्कि एक दूसरे के पूरक है। प्रदूषण तो किसी भी प्रकार का ही क्यों न हो, हमारे सुख व स्वास्थ्य का शत्रु है। इस शत्रु का विनाश करने के लिए हम लोगो को कमर कसनी ही होगी, अन्यथा यह हमारे सुन्दर जीवन पर कालिमा की ऐसी परत जमा देगा कि हमे अपने स्वास्थ्य और सौन्दर्य दोनों से ही हाथ धोना पड़ेगा। आइए, हम सब मिलकर चेष्टा करे, ताकि हमारा वातावरण प्रदूषण मुक्त हो सके।

हमें उम्मीद है कि “प्रदूषण की समस्या पर निबंध (Pollution Problem Essay in Hindi)” पर आधारित यह लेख आपको पसंद आया होगा। स्टडी नोट्स बुक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए व्यापक नोट्स प्रदान करती है।

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