रामधारी सिंह दिनकर का साहित्यिक परिचय लिखिए?

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प्रश्न: रामधारी सिंह दिनकर का साहित्यिक परिचय लिखिए?

उत्तर: राष्ट्रकवि रामधारीसिंह दिनकर जी को हिंदी साहित्य जगत के कवियों में प्रथम स्थान प्राप्त है। राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत उनकी कविताओं में प्रगतिवादी स्वर मुखरित हैं जिनमें उन्होंने शोषण का विरोध करते हुए मानवतावादी मूल्यों का समर्थन किया है। दिनकर जी की रचनाओ में जो वास्तविकता झलकती है वह अन्य किसी लेखक की रचना में काम ही देखने को मिलती हैं इनकी रचनाएं पढ़ने वाले को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं।

रामधारी सिंह दिनकर जी के ‘उर्वशी‘ काव्य पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ तथा राष्ट्रपति द्वारा ‘पदम भूषण‘ सम्मान से उन्हें सम्मानित किया गया। ‘संस्कृति के चार अध्याय‘ नमक साहित्यक रचना पर उन्हें साहित्यिक अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। मैथिलीशरण गुप्त के बाद राष्ट्रकवि की उपाधि ‘दिनकर‘ के नाम के साथ अपने आप जुड़ गयी।

कवि, मनीषी तथा विचारक राष्ट्रकवि ‘दिनकर’ जी हिंदी साहित्य के ऐसे दैदीप्यमान नक्षत्र है, जिनकी आभा कभी क्षीण नहीं हो सकती। इनकी रचनाओं में भारतीय संस्कृति तथा राष्ट्रवादी चेतना का अद्भुत समन्वय मिलता है। भारत के अतीतकालीन गौरव तथा भारतीयों की वर्तमान दशा का चित्रण करके इन्होने देश के जनमानस में अपार ख्याति अर्जित की तथा उनमें राष्ट्रीय चेतना का संचार किया।

डॉ. राजेश्वरप्रसाद ‘दिनकर’ जी के बारे में लिखते हैं— कि “दिनकर जी युग के प्रतिनिधि साहित्यकार है। उनकी भाषा में ओज और भावों में क्रांति की ज्वाला है। उनकी प्रत्येक पंक्ति में भारतीय संस्कृति और सभ्यता का उध्देलन है। उनमें जनजीवन के जागरण का स्वर है।” रामधारी सिंह दिनकर जी का नाम हिंदी साहित्य जगत में स्वर्ण अक्षरों लिखा जाता है।

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