पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय व इतिहास | Jawaharlal Nehru Biography In Hindi

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Jawaharlal Nehru Biography In Hindi, जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय | Jawaharlal Nehru Biography In Hindi

नामपंडित जवाहरलाल नेहरू
अन्य नामचाचा नेहरू, पंडित जी, पंडित नेहरू
जन्म14 नवम्बर 1889 इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु27 मई 1964, दिल्ली
पितामोतीलाल नेहरू
मातास्वरूप रानी
पत्नीकमला नेहरू
संतान (पुत्री)इंदिरा गाँधी
स्मारकशांतिवन, दिल्ली
शिक्षाबैरिस्टर
भाषाहिन्दी, अंग्रेज़ी
नागरिकताभारतीय
पार्टीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पदभारत के प्रथम प्रधानमंत्री
पुरस्कारभारत रत्न (1955)
रचनाएँविश्व इतिहास की झलक, भारत की खोज आदि
अन्य जानकारीनेहरू जी का जन्म दिवस 14 नवंबर पूरे देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय व इतिहास – Jawaharlal Nehru Biography In Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू: पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू एक अच्छे नेता थे । महात्मा गांधी के संरक्षण में वे भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने 1947 में भारत की एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर 1964 तक अपने निधन तक, भारत माता की सेवा किये। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणतंत्र के वास्तुकार माने जाते हैं। भारतीय बच्चे इन्हें चाचा नेहरू कहते हैं। कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पंडित नेहरू भी बुलाए जाते हैं। इन्हें गुलाब के फूल बहुत प्रिय थे तथा उन्हें बच्चों से बड़ा लगाव था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म

पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म – स्थान

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था। जो एक वकील थे।

पंडित जवाहर लाल नेहरू के माता का नाम

पंडित जवाहरलाल नेहरू के माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पत्नी का नाम

पंडित जवाहर लाल नेहरू के पत्नी का नाम कमला नेहरू था। इनकी शादी 1916 में हुई थी।

पण्डित जवाहर लाल नेहरू के पुत्री का नाम

इनके घर में 1917 को एक बेटी ने जन्म लिया। जिनका नाम प्रियदर्शनी रखा गया जो भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी इन्हें हम इंदिरा गांधी के नाम से जानते हैं।

पंडित जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा

पंडित जवाहरलाल नेहरू जी (Pandit Jawaharlal Nehru Ji) का बाल्यकाल एक राजकुमार की तरह व्यतीत हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर हुई। उन्हें पढ़ाने के लिए प्रतिदिन अंग्रेजी शिक्षक उनके घर आते थे। 1904 ई० में मात्र 15 वर्ष की आयु में वे पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गए। 1912 ई० में बार -एट – लॉ की उपाधि ग्रहण कर वे अपने देश लौट आए। नेहरू जी ने इंग्लैंड से वकालत की शिक्षा को पूरा किया जाता था।

पंडित जवाहर लाल नेहरु जी द्वारा देश हित में किया गया संघर्ष और योगदान

जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे और स्वतंत्रता के पूर्व और पश्चात की भारतीय राजनीति में केंद्रीय व्यक्तित्व थे। स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (first prime minister) का पद संभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुए, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधी जी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्विकार किया।

नेहरू जी ने 26 जनवरी 1930 को रावी नदी के किनारे शाम के समय तिरंगा फहराते हुए कहा था। कि स्वतंत्रता प्राप्त करके ही रहेंगे। कांग्रेस के इस प्रस्ताव से अंग्रेज बैखला गये। नेहरू जी कांग्रेस के अधिवेशन में सन् 1915 में पहली बार शामिल हुए थे इसमें गांधी जी ने रॉलेक्ट एक्ट (Rowlatt Act) के खिलाफ आवाज उठाई थी रॉलेक्ट एक्ट, जलियांवाला बाग हत्याकांड इन वीभत्स घटनाओं ने नेहरू को झंकझोर कर रख दिया था। नेहरू जी सन् 1919 में राजसी वेशभूषा छोड़कर सादगी का जीवनयापन करते हुए विधिवत राजनीति में शामिल हो गए थे। नेहरू जी को सन् 1924 को इलाहाबाद के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। नेहरू जी ने 2 साल तक कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्य किया था। सन् 1926 में ब्रिटिश अधिकारियों से सहायता न मिलने पर नेहरू जी ने इस्तीफा दे दिया। नेहरू जी ने पाकिस्तान और चीनी के साथ भारत के रिश्तो को सुलझाने की भी कोशिश की मगर वे असफल रहे।

प्रधानमंत्री के रूप में, वे भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके पश्चात उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की। मुख्यत: एक बहुवचनी, बहु – दलीय लोकतंत्र को पोषित करते हुए, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तित होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित कर निरपेक्ष आंदोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय चुनाव में प्रभुत्व दिखाते हुए और 1952, 1957 और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुए, एक सर्व ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अंतिम वर्षों में राजनीतिक संकटों और 1962 के चीनी – भारत युद्ध के बाद भी, वे भारत में लोगों के बीच में लोकप्रिय बने रहे। भारत में उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई किताबें

पंडित जवाहरलाल नेहरू एक अच्छे नेता और प्रभावशाली वक्ता ही नहीं बल्कि वह एक अच्छे लेखक भी थे। इनकी कुछ किताबे इस प्रकार है-

  1. भारत और विश्व
  2. सोवियत रूस
  3. भारत की एकता और स्वतंत्रता
  4. दुनिया के ओझरता दर्शन 1939
  5. विश्व इतिहास की एक झलक
  6. डिस्कवरी ऑफ इंडिया, इस किताब को नेहरू ने 1944 में अहमदनगर जेल में लिखा था। इस किताब में पंडित नेहरू ने अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया था इसके बाद में इस पुस्तक का हिंदी समेत कई अन्य भाषाओं में भी अनुवाद किया गया। इस किताब में नेहरू जी ने सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर भारत की आजादी और भारत की संस्कृति धर्म और संघर्ष का वर्णन हैं। तथा इन्होंने आत्मकथा पुस्तक 1936 में प्रकाशित की थी।

पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्राप्त सम्मान

  1. पंडित नेहरु जी का पश्चिमी बर्लिन, ऑस्ट्रिया और लाओस के जैसे कई अन्य विस्फोटक मुद्दो के समस्याओं के समाधान समेत कई समझौते और युद्ध में महत्वपूर्ण योगदान रहा था। जिसके लिए उन्हें 1955 में सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
  2. जवाहरलाल नेहरू ने संपत्ति के मामले में विधवाओं को पुरुषों के बराबर हक दिलवाने इसके समेत अनेक कार्य किए।
  3. नेहरू ने भारतीयों के मन में जातिवाद के भाव को मिटाने और निर्धनों की सहायता करने के लिए जागरूकता पैदा की और इसके साथ ही उन लोगों में लोकतंत्र के प्रति सम्मान पैदा करने का कार्य किया इन्हीं सब कार्यों के कारण उन्हें इस सर्वोच्च पुरस्कार सम्मान भारत रत्न (1955) से नवाजा गया था

पंडित जवाहर लाल नेहरु की मृत्यु

चीन के साथ हुए युद्ध के थोडे वक्त बाद ही जवाहरलाल नेहरू का स्वास्थ्य बिगड़ गया। इसके बाद 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। जवाहर लाल नेहरू जैसे महापुरुष की मृत्यु के बाद भारत के देशवासियों को बहुत गहरा दुख पहुंचा था क्योंकि उन्होंने अपने अच्छे व्यक्तित्व की छाप हर किसी पर छोड़ी थी। वह एक लोकप्रिय राजनेता थे वही उनकी कुर्बानी और योगदान दोनों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इसलिए उनकी याद में कई सड़कें, जवाहरलाल नेहरु स्कूल, जवाहरलाल नेहरु टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरु कैंसर हॉस्पिटल इत्यादि को बनाने की शुरुआत की गई।

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इसे लेख में मैंने पंडित जवाहर लाल नेहरु का जन्म – स्थान, प्रारम्भिक शिक्षा, पिता – माता , पत्नी का नाम, पुत्री का नाम,पंडित जवाहर लाल नेहरु जी द्वारा देश हित में किया गया संघर्ष और योगदान और जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई किताबें, नेहरू को प्राप्त सम्मान और जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कब और कैसे हुई इसके बारे में पूरी जानकारी शेयर की है अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप नीचे दिए गए Comment Box में जरुर लिखे ।

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