इस लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध (Essay on Narendra Modi in Hindi) बहुत ही सरल और सुव्यवस्थित हिन्दी भाषा में क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया है जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध | Essay on Narendra Modi in Hindi
रुपरेखा-
- प्रस्तावना
- जीवन-परिचय
- मोदी जी का शैक्षिक जीवन
- मोदी जी का राजनीति में प्रवेश
- भारत देश का प्रधानमंत्री बनने तक का सफर
- संघ प्रचारक से पी० एम० पद तक का संघर्ष
- नरेंद्र मोदी के सामने चुनौतियाँ
- भारत देश के प्रति नरेन्द्र मोदी का योगदान
- नरेन्द्र मोदी जी की उपलब्धियाँ
- उपसंहार अथवा निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी
भारत के गौरव नरेन्द्र मोदी का पूरा नाम “नरेन्द्र दामोदरदास मोदी” है जो भारत के कुशल प्रधानमंत्री के रूप में जाने जाते है। नरेन्द्र मोदी जी सामाजिक स्तर पर सामान्य बोलचाल की भाषा में ‘मोदी जी‘ के नाम से भी प्रसिद्ध है नरेन्द्र मोदी जी एक भारतीय राजनीतिज्ञ कवि और भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री है। वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र मे गहरी रूचि रखते हैं। वे यर्याथवादी और आशावादी है। वे अपने कुशल नेतृत्व और निर्णय क्षमता के लिए भी प्रसिध्द है। उनके काम से दूसरे देश भी प्रभावित है तथा उनके साथ काम करने की इच्छा रखते है।
प्रस्तावना
16 वें लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा को मिली इस ऐतिहासिक और अविश्वसनीय सी लगने जीत के पीछे देश की जनता, खासकर युवा वर्ग की अपेक्षाओं का पहाड, भी खड़ा है। आजाद भारत के इतिहास , में पहली बार देश ने सीधे अपना प्रधानमंत्री चुना है, वह भी अप्रत्याशित और अभूतपूर्व जनादेश के साथ 16वीं लोकसभा में भाजपा की जीत के नायक तो नरेन्द्र मोदी है. लेकिन मोदी जी के इस सफर के चाणक्य राजनाथ सिंह बने । उन्होंने भाजपा अध्यक्ष का पद सम्भालने के बाद संघ के एजेंडे को पूरा करने में न केवल पूरी ताक ताकत लगाया बल्कि इस काम के लिए वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की भी परवाह नहीं की ।
जीवन – परिचय
नरेन्द्र मोदी जी भारत के प्रभावी व तेजस्वी व्यक्ति है इनका जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में 17 सितम्बर 1950 में हुआ था। मोदी जी के पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद और माता का नाम हीरा बेन था । मोदी जी पिछड़ी जाति से सम्बन्ध रखते है। छः भाई – बहिनों में वे तीसरे स्थान पर है। आठ वर्ष की उम्र में गुजरात के छोटे से बड़नगर स्टेशन पर पिता की चाय की दुकान में हाथ बटाने वाले नरेन्द्र दामोदरदास मोदी का बचपन कठिनाइयों और अभावों में बीता। 17 साल की उम्र में जसोदा बेन से शादी के बाद उनके, अन्तर्मन में चल रहा वैचारिक द्वन्द्व बैचेनी में बदल गया । राष्ट्र निर्माण वा देश सेवा के सही रास्ते की तलाश की इसी उधेड़बुन में मोदी ने घर छोड़ दिया। सन्यासी बनने का लक्ष्य लेकर वह बेलूर में रामकृष्ण मठ पहुंचे। लेकिन स्रातक न होने की वजह से उन्हें वहाँ प्रवेश न मिल सका। कई स्थानों के चक्कर लगाने के बाद मोदी गुजरात लौट आयें। हालाकि कि गृहस्थ जीवन अपनाने को वह तब भी राजी नहीं हुए।
मोदी जी का शैक्षिक जीवन
मोदी जी ने बड़नगर के भगवताचार्य नारायणाचार्य नामक विद्यालय में पढ़ाई की। इन्होंने सन् 1980 में राजनीति में एमए की परीक्षा पास की। मोदी जी एक सख्त व अनुशासन प्रिय छात्र थे। इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बड़नगर में ही पूरी की थी। जब वे युवा अवस्था मे थे, तब विद्यार्थियों के एक संगठन जिसका नाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् था उसमे जुड़ गए। और भ्रष्टाचार के विरुध्द नव निर्माण आन्दोलन में भी भाग लिया। वे एक अच्छे वक्ता थे उन्होने प्रारम्भिक अवस्था से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सभाओं में जाना शुरू कर दिया। ये एक कवि के रूप में जाने जाते है और कविताएँ भी लिखते है इनको हिन्दी भाषा के साथ-साथ गुजराती और अग्रेजी भी आती है।
मोदी जी का राजनीति में प्रवेश
लम्बे समय तफ राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के लिए कार्य करने के बाद अंततः मोदी जी भारतीय जनता पार्टी की गुजरात ईकाई संगठन के सचिव के रूप में चुने गए। 1995 ई. में मोदी जी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव निर्वाचित हुए। उन्हें दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया। 2001 ई० में वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने । 2002 ई० में दुर्भाग्यवश गोधरा – कांड घटित हुआ उसके कारण मोदी जी ने बहुत सी आलोचनाओं का सामना किया। उसके बाद मंलिमण्डल में इस्तीफा दे दिया । परन्तु 2002 में भारतीय जनता पार्टी ने पुन: चुनाव जीत लिया। और मोदी जी ने दूसरी अवधि के लिए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समय उन्होंने गुजरात के आर्थिक विकास पर अपेक्षाकृत ज्यादा जोर दिया।
भारत के प्रधानमंत्री बनने तक का सफर
2014 में मोदी जी भारत के प्रधानमंली बने । वे देश की प्रगति व उज्जवल पर भविष्य काम कर रहे हैं। उन्होंने अनेक नई नीतियो को शुरुआत की है। उन्होंने विदेशी राष्ट्रो से सम्बन्धों को मजबूत बनाया है। मेक इन इंडिया, डिजीटल इंडिया कार्यक्रम आदि – जैसी नीतियों को विश्वभर में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कालाधन के खिलाफ उठाए गए उनके कदम को पूरे समार में सराहा गया है 2019 में उन्हें पुन, प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गयी। गुजरात में किए गए इनके कार्यों की वजह से ना सिर्फ गुजरात में बल्कि पूरे देश मे इन्होंने ख्याति प्राप्त की। मोदी जी के आत्मविश्वास से भरे व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता से सभी उनके समर्थक बने ।
संघ प्रचारक से पी.एम. पद तक का संघर्ष
किशोरावस्था मे ही संघ के सम्पर्क में आए। नरेन्द्र मोदी 1971 में भारत – पाकिस्तान युद्ध के बाद पूर्णकालिक प्रचारक बने। वैधिक क्षमता और सांगठनिक कौशल के धनी मोदी ने संघ में गहरी पैठ बनाई। नीलांजल मुखोपाध्याय ने अपनी पुस्तक ‘एनाटॉमी ऑफ नरेन्द्र मोदी – द मैन एण्ड हिज पॉलिटिक्स‘ में लिखा है कि शुरुवाती दौर में संघ में भी उन्हें वरिष्ठों के लिए चाय – नाश्ता बनाने की जिम्मेदारी दी गयी । लेकिन मोदी जी की मेन्हत उन्हें हर मनचाहे मुकाम पर ले गई। वह संघ के उन दो पहले प्रचारकों में से थे जो बाद में पूरी तरह से भाजपा के लिए कार्य करने लगे। मोदी जी संघ के जरिए ही 1985 में भाजपा में शामिल हुए अहमदाबाद नगर निकाय चुनाव (1986) में पार्टी की जीत में उनका अपना अहम् योगदान रहा। आडवानी की रथ यात्रा राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहली बड़ी जिम्मेदारी थी। 1988 में वह गुजरात भाजपा इकाई के संगठन सचिव चुने गये। उनकी प्रतिभा को देखते हुए नवम्बर 1995 में उन्हें राष्ट्रीय सचिन बनाया मई 1978 में भाजपा का महासचिव बनाया गया। भाजपा को स्पष्ट बहुमत के साथ 21 मई, 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
पीएम नरेन्द्र मोदी जी के सामने – चुनौतियों
जनादेश 2014 आक्रोश और आशा के विलाप से जन्मा वहतत्व है जो देश की दशा और दिशा बदल सकता है। मोदी जी की चुनौतियाँ यहीं से शुरू हो जाती है। कुछ प्रमुख चुनौतियों इस प्रकार है—
- बेरोजगारी: हर वर्ष लगभग 1.2 करोड़ युवा रोजगार के लिए तैयार हो जाते हैं। उनके लिए रोजगार पैदा करना बडी चुनौती है।
- महँगा कर्ज: अधिक महंगाई के चलते रिजर्व बैंक ने दरें बढ़ाई है। पिहले तीन वर्षों में मासिक किस्त का बोझ तेजी से बढ़ा है।
- औधोगिक गिरावटें: ऊंची कीमते और महंगे कर्ज की वजह से उपभोक्ता टी. वी०, फ्रिज जैसी वस्तुएँ खरीदने से बच रहे है।
- सबका विकास: नवोन्वेशी योजनाओं और नीतिगत निर्णयों की जरूरत है ताकि ग्रामीण लोगों की भी उम्मीदें पूरी हो सकें ।
- नीतिगत अडचने: सरकार और विपक्ष में तालमेल न होने से महत्वपूर्ण मुद्दों पर नीतिगत फैसला नहीं लिया। गया।
- बढ़ती महँगाई: बढ़ती महंगाई ने परिवार का बजट बिगाड़ा है। पहले की तुलना में उसी कीमत में अब कम सामान मिलता है।
भारत देश के प्रति नरेन्द्र मोदी का योगदान
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गरीब, असहाय और विकलांग व्यक्तियों की सहायता के लिए अनेक कार्य किये तथा उनके लिए कई योजनाएं, लायें। इतना ही नहीं इन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए। विदेशों में मित्रतापूर्ण सम्बन्ध बनाकर उनमें व्यापार और उद्योग में बढ़ावा दिया तथा मोदी जी ने देश की रक्षा के लिए समय – समय पर कानून भी बनाए और सैनिकों को हर प्रकार से सहायता देकर उनका उत्साहवर्धन किया।
नरेन्द्र मोदी जी की उपलब्धियाँ
हर वर्ष मोदी जी को विदेशी सम्मेलनों में आने का आमंत्रण मिलता है। खुले में शौच मुक्त के लिए सभी को शौचालय प्रदान किया तथा बूढ़े – बुजुर्ग को पेंशन प्रदान करने के लिए योजनाएं चलाई गयी । तथा बालिकाओ के शिक्षा और उनकी सुरक्षा के लिए भी अनेक योजनाएं शुरू की गई है। जब हमारा देश कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा था उस समय में भी मोदी जी ने अनेक प्रकार से जरूरतमंदों को सहायता प्रदान किया था।
उपसंहार अथवा निष्कर्ष
नरेन्द्र मोदी जी को विकास पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। लोकसभा चुनावों में अपना लोहा मनवा चुके नरेन्द्र मोदी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की होगी। जीडीपी दशक के निचले स्तर पर है बढ़ती महंगाई को काबू करना और रोजगार के अवसर पैदा करना भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए आसान नहीं होगा। भाजपा सरकार को नीति सबको साथ लेकर आगे बिकास बढ़ने से विकास की राजनीति सम्पन्न होगी। अब भारतीय राजनीति में एक नए युग की शुरुआत होगी। प्रधानमन्त्री की जन-धन योजना गरीबो के लिए एक अनुपम उपहार है। गैस सब्सिडी की डी बी टी एल (DBTL) स्कीम भी जनता को आशान्वित करती है। नोटबन्दी और नवीन मुद्रा का प्रचलन ऐतिहासिक कदम है। जी. एस. टी. ने कर व्यवस्था में क्रान्ति ला दी है। नरेन्द्र मोदी जी की विदेश नीति ने भी अन्तर्राष्ट्रीय जगत में विशेष ख्याति अर्जित की है। इसके साथ ही नरेन्द्र मोदी जी ने अनेक नवीन योजनाओ को प्रारम्भ करके जनमानस में एक नवीन चेतना की लहर प्रवाहित की है।
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